जंगल में घुसपैठ करने लगे शिकारी

मानसून सीजन में जंगल और वन्यजीवों की सुरक्षा टाइगर रिजर्व के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होती है क्योंकि इस दौर में प्राय शिकारियों की घुसपैठ बढ़ने लगती है। जंगल के अंदर कच्चे रास्तों पर बारिश का पानी भरने से गश्त करने वाले कर्मियों के लिए जंगल के चप्पे-चप्पे की निगरानी रखने में मुश्किलें आती हैं। शिकारी इसी का फायदा उठाने की ताक में रहते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 10:43 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 10:43 PM (IST)
जंगल में घुसपैठ करने लगे शिकारी
जंगल में घुसपैठ करने लगे शिकारी

पीलीभीत,जेएनएन : मानसून सीजन में जंगल और वन्यजीवों की सुरक्षा टाइगर रिजर्व के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होती है, क्योंकि इस दौर में प्राय: शिकारियों की घुसपैठ बढ़ने लगती है। जंगल के अंदर कच्चे रास्तों पर बारिश का पानी भरने से गश्त करने वाले कर्मियों के लिए जंगल के चप्पे-चप्पे की निगरानी रखने में मुश्किलें आती हैं। शिकारी इसी का फायदा उठाने की ताक में रहते हैं।

पीलीभीत टाइगर रिजर्व का जंगल लगभग 73 हजार हेक्टेयर में फैला हुआ है। जंगल की कुल लंबाई 60 किमी तथा चौड़ाई 15 किमी है। वन संपदा एवं वन्यजीवों की सुरक्षा तथा संरक्षण के लिहाज से जंगल बराही, महोफ, माला, हरीपुर और दियोरिया रेंज में विभाजित है। प्रत्येक रेंज में अलग-अलग सेक्शन हैं। वैसे तो अधिकारियों से लेकर कर्मचारी तक जंगल में भ्रमण करते रहते हैं। बरसात के मौसम में कर्मियों की गश्त में मुश्किलें आने लगती हैं। खासकर बराही रेंज के अधीन आने वाले लग्गा भग्गा वन क्षेत्र में गश्त काफी दुरुह कार्य होता है। वहां तक जाने आने के लिए शारदा नदी पार करनी पड़ती है। बरसात के दिनों में जंगल के अंदर पानी भरने से रास्ते दलदल हो जाते हैं। ऐसे में वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए वाहनों के माध्यम से जंगल में गश्त करने में दिक्कतें आने लगती हैं। अभी तो मानसून शुरू भी नहीं हुआ लेकिन शिकारियों की गतिविधियां बढ़ने लगी हैं। गत दिवस गजरौला और हजारा क्षेत्रों में वन विभाग की टीमों की सतर्कता से शिकारियों को दबोच लिया गया। दरअसल बरसात के दिनों में शिकारियों से लेकर कटरुआ (जंगली सब्जी) बीनने वालों की घुसपैठ की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में वन विभाग की ओर से मानसून सीजन के दौरान गश्त को प्रभावी बनाने के लिए विशेष रणनीति तैयार की गई है। वर्जन..

जंगल में फुट पेट्रोलिग का प्लान लागू कर दिया गया है। यह व्यवस्था 15 जून से लेकर 15 अक्टूबर तक लागू रहेगी। कर्मचारी अकेले नहीं बल्कि टीम के साथ जंगल में गश्त करेंगे, इसके लिए स्पेशल टीमें बनाकर लगाई गई हैं।

-नवीन खंडेलवाल,प्रभागीय वनाधिकारी

chat bot
आपका साथी