प्रसूताओं को गलत तरह से भुगतान कर किया गोलमाल

पीलीभीतजेएनएन सरकार द्वारा लोगों के स्वस्थ जीवन के लिए स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं लेकिन अधिकारी व जिम्मेदार कर्मचारी उन पर पतीला लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का सामने आया है। जिसमें जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत गोलमाल कर लाखों रुपये का गलत ढंग से भुगतान कर दिया गया। भुगतान के बाद लाभार्थी के साथ मिलकर अधिकारियों व कर्मचारियों ने उस प्रोत्साहन राशि को आपस में बांटकर शासन की मंशा को विफल साबित कर दिया। मामला खुला तो जांच कर रही टीम के होश उड़ गए।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Nov 2021 10:56 PM (IST) Updated:Mon, 01 Nov 2021 10:56 PM (IST)
प्रसूताओं को गलत तरह से भुगतान कर किया गोलमाल
प्रसूताओं को गलत तरह से भुगतान कर किया गोलमाल

पीलीभीत,जेएनएन: सरकार द्वारा लोगों के स्वस्थ जीवन के लिए स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं लेकिन अधिकारी व जिम्मेदार कर्मचारी उन पर पतीला लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का सामने आया है। जिसमें जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत गोलमाल कर लाखों रुपये का गलत ढंग से भुगतान कर दिया गया। भुगतान के बाद लाभार्थी के साथ मिलकर अधिकारियों व कर्मचारियों ने उस प्रोत्साहन राशि को आपस में बांटकर शासन की मंशा को विफल साबित कर दिया। मामला खुला तो जांच कर रही टीम के होश उड़ गए।

सरकार द्वारा जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत गरीब गर्भवती महिलाओं को प्रसव के उपरांत प्रसव राशि प्रदान की जाती है। संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने व मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत की गई थी। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं को प्रसव उपरांत 1400 रुपये व शहरी क्षेत्र में रहने वाली गर्भवती महिलाओं को प्रसव उपरांत 1000 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। आशा को भी प्रोत्साहन राशि के रूप में ग्रामीण क्षेत्र के लिए 600 व शहरी क्षेत्र के लिए 400 रुपये दिए जाते हैं। इसके लिए राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत करोड़ों रूपये का बजट हर वर्ष दिया जा रहा है। एक ही लाभार्थी को कई बार भुगतान: पूरनपुर में जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत एक ही लाभार्थी को कई कई बार भुगतान किया गया है जबकि वास्तव में लाभार्थी के उतने बच्चे नहीं हैं जितनी बार भुगतान हुआ है। इसमें लाभार्थी के साथ मिलकर पहले डीबीटी के माध्यम से भुगतान किया जाता है, उसके बाद धनराशि को निकालकर उसका बंटवारा किया जाता है। इसके अलावा सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों के बाहर हुए प्रसव को आशा की सहायता से सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों का संस्थागत प्रसव दिखाकर जननी सुरक्षा योजना का लाभ दिया गया है। कई ऐसे मामले भी प्रकाश में आए हैं जिनमें शहर निवासी गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी पूरनपुर क्षेत्र के सुदूर सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर दिखाकर जननी सुरक्षा योजना के माध्यम से भुगतान किए गए हैं। पहले हुई शिकायत तो दबा दिया मामला: पूरनपुर समेत अन्य कई सीएचसी में गलत भुगतान की शिकायत पहले भी कई बार सीएमओ व अन्य उच्चाधिकारियों से की गईं लेकिन जांच में स्वास्थ्य कर्मियों को बचा लिया गया। पूरनपुर के मामले ने वर्ष 2020 में तूल पकड़ा था जिसके बाद तत्कालीन जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने कार्रवाई के आदेश दिए थे लेकिन विभागीय अधिकारियों ने जिम्मेदार लोगों को बचा लिया। कई शिकायतों में जांच के आदेश ही नहीं दिए गए। अब लेखा परीक्षण में विभागीय अधिकारियों की हकीकत एक बार फिर उजागर हुई है। अन्य सीएचसी में भी गलत भुगतान: पूरनपुर के अलावा जनपद की अन्य सीएचसी पर भी जननी सुरक्षा योजना का गलत लाभ दिया जाना सामने आया है। हालांकि पूरनपुर में गड़बड़ी ज्यादा है। इसके अलावा बीसलपुर, बिलसंडा, अमरिया व माधोटांडा में भी जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत अपात्र लोगों को भुगतान कर अधिकारियों व खाता प्रबंधकों ने जमकर खेल किया है। यह खेल अधिकांश पीएचसी व उपकेंद्रों के रिकार्ड में हेरफेर कर किया जाता है। इनसेट-- भुगतान में घपले पर सीएमओ हो चुके निलंबित

जननी सुरक्षा योजना में हेरफेर करने में स्वास्थ्य अधिकारी हमेशा से सक्रिय रहे हैं। वर्ष 2011-12 में जननी सुरक्षा योजना समेत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत गलत भुगतान पर बड़ी कार्रवाई हुई थी। एनएचएम के तत्कालीन महाप्रबंधक ने पूरनपुर क्षेत्र के ग्राम भगवंतापुर आदि में जाकर भौतिक सत्यापन किया जिसमें भुगतान संबंधी कई घपले पाए गए। इसके बाद तत्कालीन सीएमओ डॉ. रुद्र दत्त द्विवेदी व तत्कालीन वरिष्ठ सहायक सीएचसी पूरनपुर प्रदीप अग्रवाल को निलंबित किया गया था। वर्जन-- यह मामला 2019-20 का है। मैंने जुलाई 2020 से कार्यभार संभाला है। मेरे समय में कोई गलत भुगतान नहीं हुआ है। इस मामले में ब्लॉक खाता प्रबंधक या सीएमओ ही जबाब दे सकेंगे।

- डा. प्रेम सिंह प्रभारी चिकित्साधिकारी पूरनपुर

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