जंगली जानवरों को रोकने में तार फेंसिग नाकाम

हल्दी डेंगा क्षेत्र में जंगल से बाहर आए बाघ व भालू ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बंदर भी इन दिनों गेहूं फसल को काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं। बंदरों और जंगली जानवरों से फसलों को बचाने को रात दिन रखवाली करनी पड़ती है। जानवरों को बाहर निकलने से रोकने को लगवाई गई तार फेंसिग भी कारगर नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Feb 2020 10:51 PM (IST) Updated:Tue, 18 Feb 2020 10:51 PM (IST)
जंगली जानवरों को रोकने में तार फेंसिग नाकाम
जंगली जानवरों को रोकने में तार फेंसिग नाकाम

संवाद सहयोगी, कलीनगर (पीलीभीत) : हल्दी डेंगा क्षेत्र में जंगल से बाहर आए बाघ व भालू ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बंदर भी इन दिनों गेहूं फसल को काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं। बंदरों और जंगली जानवरों से फसलों को बचाने को रात दिन रखवाली करनी पड़ती है। जानवरों को बाहर निकलने से रोकने को लगवाई गई तार फेंसिग भी कारगर नहीं है।

बराही रेंज अंतर्गत बराही से लेकर हल्दी डेंगा क्षेत्र तक जंगली जानवरों को बाहर आने से रोकने के लिए कई साल पहले करंट युक्त तार लगाई थी। कुछ समय तक तार में करंट आने जानवरों के बाहर आने मे कमी आई थी, लेकिन कई साल से तार में करंट न आने से जंगली जानवर बाहर आकर फसलें उजाड़ते हैं। भाकियू के वरिष्ठ मंडल उपाध्यक्ष श्रीपाल सिंह यादव ने तार फेंसिग को ठीक कराने तथा फसल उजड़ने का मुआवजा दिलाने की मांग सीएम से की है।

chat bot
आपका साथी