अनुशासन और आशीर्वाद से मिलती जीवन में सफलता
चित्रकूट धाम से पधारे जगदगुरु रामकृष्ण दास वेदांती महाराज ने कहा कि विद्यालय ज्ञान का मंदिर होते हैं। विद्यार्थी अनुशासित रहकर पूरी निष्ठा व समर्पण से अध्ययन करें। माता-पिता व गुरुजनों के आशीर्वाद से ही लक्ष्य को आसानी से हासिल किया जा सकता है।
पीलीभीत,जेएनएन : चित्रकूट धाम से पधारे जगदगुरु रामकृष्ण दास वेदांती महाराज ने कहा कि विद्यालय ज्ञान का मंदिर होते हैं। विद्यार्थी अनुशासित रहकर पूरी निष्ठा व समर्पण से अध्ययन करें। माता-पिता व गुरुजनों के आशीर्वाद से ही लक्ष्य को आसानी से हासिल किया जा सकता है। वेदांती महाराज नगर के सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में आयोजित विदाई समारोह के दौरान विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जीवन में शिक्षा का बहुत बड़ा महत्व है। शिक्षा के बिना मनुष्य का जीवन पशु के समान हो जाता है। कदम-कदम पर तमाम कष्ट सहने होते हैं पूरा जीवन परेशानियों को सहन करते हुए व्यतीत करना होता है जबकि शिक्षित व्यक्ति ज्ञान से इन परेशानियों से दूर रहता है। प्रत्येक बच्चे को अच्छे संस्कारों के साथ साथ अच्छी शिक्षा देने का दायित्व प्रत्येक माता-पिता का होता है। विद्यार्थियों का भी यह दायित्व है कि वह ज्ञान रूपी मंदिर में मन लगाकर पढ़ाई करें शिक्षकों का माता पिता का आदर व सम्मान कर अनुशासित ढंग से हर कार्य को करना सीखें उनके आशीर्वाद से ही लक्ष्य को आसानी से हासिल किया जा सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ ईश्वर की भक्ति के लिए भी कुछ समय निकालने व भारतीय संस्कृति को अपनाने मोबाइल का कम से कम उपयोग करने की सलाह दी। इस मौके पर उन्होंने विद्यार्थियों को सफलता के लिए आशीर्वाद भी दिया। प्रधानाचार्य डॉ. रवि शरण सिंह चौहान ने वेदांती महाराज को कई धार्मिक पुस्तकें भेंट कर सम्मान किया। कार्यक्रम में विद्यालय के प्रबंधक विष्णु कुमार गोयल, मोहित रस्तोगी आदि विद्यार्थी मौजूद रहे।