आर्थिक आधार पर किया जाए छात्रवृत्ति का वितरण

शहर विधायक संजय सिंह गंगवार ने अल्पसंख्यक परिवारों के छात्र-छात्राओं की भांति बहुसंख्यक समुदाय के के गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले पिछड़े व सामान्य एवं अनुसूचित जाति के छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति का वितरण किए जाने की मांग की है। साथ ही छात्रवृत्ति वितरण का आधार जातिगत के बजाय आर्थिक आधार पर किए जाने की मांग की है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 11:07 PM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 11:07 PM (IST)
आर्थिक आधार पर किया जाए छात्रवृत्ति का वितरण
आर्थिक आधार पर किया जाए छात्रवृत्ति का वितरण

पीलीभीत,जेएनएन : शहर विधायक संजय सिंह गंगवार ने अल्पसंख्यक परिवारों के छात्र-छात्राओं की भांति बहुसंख्यक समुदाय के के गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले पिछड़े व सामान्य एवं अनुसूचित जाति के छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति का वितरण किए जाने की मांग की है। साथ ही छात्रवृत्ति वितरण का आधार जातिगत के बजाय आर्थिक आधार पर किए जाने की मांग की है।

शहर विधायक संजय सिंह गंगवार ने नियम 51 के तहत प्रमुख सचिव विधानसभा को लिखे पत्र में कहा है कि उत्तर प्रदेश में एक लाख रुपये सालाना आय वाले अल्पसंख्यक परिवारों के कक्षा एक से कक्षा आठ तक के छात्र-छात्राओं को न्यूनतम एक हजार रुपये प्रति छात्र केंद्रीय छात्रवृत्ति मिल रही है। बहुसंख्यक समुदाय के के गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले पिछड़े व सामान्य एवं अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं को कोई भी छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है। इससे इन वर्गों के निर्धन परिवारों के छात्र-छात्राओं के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। साथ ही शिक्षा के खर्चों को वहन नहीं करने के कारण शिक्षा से वंचित रह जाते हैं, जिससे इनका आर्थिक स्तर ऊंचा नहीं हो पा रहा है।

शहर विधायक ने कहा है कि उक्त छात्रवृत्ति का वितरण का आधार विशेष समुदाय न होकर सभी वर्गों के आर्थिक ²ष्टि से निर्धन विद्यार्थियों के लिए होना चाहिए। इस कारण सामान्य वर्ग के निर्धन छात्र भी सरकार की ओर से प्रदत्त की गई इस योजना से लाभान्वित हो सके। साथ ही आर्थिक अभाव से इन्हें शिक्षा से वंचित न होना पड़े। वहीं इस सुविधा को ग्रहण कर शिक्षित होकर प्रदेश एवं राष्ट्रहित में अपना योगदान दे सकें। लिहाजा भारत सरकार की इस योजना का आधार जातिगत न होकर आर्थिक रखा जाना चाहिए। शहर विधायक ने बताया कि उनके द्वारा उठाया गया मामला स्वीकार कर लिया गया है। राज्य सरकार की ओर से इस मामले की बाबत जल्द ही केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा।

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