खुदरा महंगाई ने मध्यम वर्ग की कमर तोड़ी
खाद्य पदार्थों के साथ ही अन्य रोजमर्रा जरूरत की खुदरा कीमतों में लगातार उछाल आने से मध्यम वर्ग की कमर तोड़ दी है। पिछले साल कोरोनाकाल के दौरान से अब तक खाद्य तेलों व वनस्पति घी के दाम लगभग दोगुने हो गए हैं। लोगों की आमदनी का बड़ा हिस्सा खानपान की चीजें खरीदने पर खर्च हो जाता है।
पीलीभीत,जेएनएन : खाद्य पदार्थों के साथ ही अन्य रोजमर्रा जरूरत की खुदरा कीमतों में लगातार उछाल आने से मध्यम वर्ग की कमर तोड़ दी है। पिछले साल कोरोनाकाल के दौरान से अब तक खाद्य तेलों व वनस्पति घी के दाम लगभग दोगुने हो गए हैं। लोगों की आमदनी का बड़ा हिस्सा खानपान की चीजें खरीदने पर खर्च हो जाता है।
कोरोना महामारी के दौर में आमतौर पर लोगों को अपनी इम्युनिटी बढ़ाने के लिए खानपान बेहतर रखने की सलाह दी जाती रही है। मौसमी फल, दूध, सब्जियों तथा दालों का सेवन अधिक करने के लिए कहा जाता है। मगर लगातार बढ़ती महंगाई के चलते ये चीजें निम्न वर्ग के हाथों से तो फिसल चुकी हैं। मध्यम वर्ग के उपभोक्ता भी महंगाई से कराह उठे हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि पिछले साल रसोई गैस की रिफिल 650 रुपये में मिल जाती थी, अब दो सौ रुपये बढ़कर 850 रुपये में लेनी पड़ रही। पेट्रोल का मासिक खर्च भी बढ़ गया है जबकि आमदनी घट गई है। ऐसे में परिवार का खर्च पूरा करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। परिवार का कोई सदस्य मौसमी बीमारी की चपेट में आ जाए तो इलाज के लिए दूसरों से उधार लेना पड़ जाता है। ऐसे में सीमित आमदनी के कारण घरेलू बजट पूरी तरह से गड़बड़ा गया है। इनसेट
वस्तु दाम पिछले साल दाम अब
सरसों तेल 92 रुपये किग्रा 175 रुपये
रिफाइंड आयल 90 रुपये लीटर 160 रुपये
वनस्पति घी 85 रुपये लीटर 140 रुपये
दाल अरहर 80-85 रुपये किग्रा 100-110 रुपये
दाल उड़द 90 रुपये किग्रा 100 रुपये
दाल मसूर 80-85 रुपये किग्रा 100 रुपये
दाल मूंग 100 रुपये किग्रा 120 रुपये
दाल चना 60 रुपये किग्रा 80 रुपये
काला चना 40 रुपये किग्रा 60 रुपये
काबुली चना 80 रुपये किग्रा 100 रुपये
राजमा 90-100 रुपये किग्रा 120-130 रुपये
आलू 10 रुपये किग्रा 20 रुपये
प्याज 20 रुपये 25 रुपये इनसेट
फलों के बढ़े दाम
केला 20 रुपये दर्जन 40 रुपये
सेब 80 रुपये किग्रा 140 रुपये
पपीता 30 रुपये किग्रा 40- 50 रुपये
मौसमी 25 रुपये किग्रा 60 रुपये
अनार 40-60 रुपये किग्रा 80-100 रुपये
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लंबे समय तक आंशिक कोरोना कर्फ्यू के कारण आमदनी काफी कम हो गई। अब भी बाजार सुबह सात से सायं सात तक खुलने की इजाजत है। ऐसे में कमाई पर असर पड़ा है। परिवार का खर्च महंगाई के कारण बढ़ गया है। ऐसे में संतुलन बिठाना मुश्किल होता जा रहा है। रसोई का खर्च लगातार बढ़ रहा।
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रसोई गैस के दाम में साल भर के दौरान दो सौ रुपये बढ़ गए। दालें, खाद्य तेल, सब्जी आदि सभी पर लगातार महंगाई बढ़ रही है। ऐसे में रसोई का बजट बढ़ गया है। खानपान के अलावा अन्य जरूरत की चीजों के भी दाम बढ़ गए हैं।
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रसोई गैस, खाद्य तेलों व दालों पर महंगाई सबसे ज्यादा अखर रही है। परिवार में इन चीजों के बगैर काम नहीं चल सकता। आमदनी बढ़ नहीं रही। ऐसे में महंगाई में खरीदी जाने वाली चीजों की मात्रा में कमी करनी पड़ रही है।
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सरकार को महंगाई कम करने के उपाय करने चाहिए। जिससे निम्न-मध्यम वर्ग को राहत मिले। खासकर खाद्य तेल, दालें और रसोई गैस के दाम कम होने चाहिए। रसोई का बजट बेकाबू होता जा रहा है।
ज्योति सिंह