अबकी बार प्याज..100 के पार

इस बार प्याज की कीमतों ने पिछले सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। पहली बार प्याज की कीमत फुटकर में सौ रुपये से ऊपर जा पहुंची है। कुछ दिन पहले प्याज के भाव कुछ गिरने लगे थे तब उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिल गई थी लेकिन फिर साठ से अस्सी और देखते ही देखते भाव सौ रुपये किग्रा हो गया। कई फुटकर दुकानदार तो उससे भी ज्यादा दाम वसूल रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 05 Dec 2019 11:09 PM (IST) Updated:Fri, 06 Dec 2019 06:10 AM (IST)
अबकी बार प्याज..100 के पार
अबकी बार प्याज..100 के पार

जागरण संवाददाता, पीलीभीत : इस बार प्याज की कीमतों ने पिछले सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। पहली बार प्याज की कीमत फुटकर में सौ रुपये से ऊपर जा पहुंची है। कुछ दिन पहले प्याज के भाव कुछ गिरने लगे थे, तब उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिल गई थी लेकिन फिर साठ से अस्सी और देखते ही देखते भाव सौ रुपये किग्रा हो गया। कई फुटकर दुकानदार तो उससे भी ज्यादा दाम वसूल रहे हैं। हालांकि मंडी में प्याज की आवक में भारी कमी के बावजूद थोक रेट चार हजार रुपये क्विंटल हैं। थोक में प्याज चालीस रुपये किग्रा होने के बावजूद फुटकर में सौ रुपये का भाव वसूल किया जा रहा है।

मध्य अक्टूबर से ही प्याज के भाव उछलने लगे थे। पहले कीमत तीस रुपये थी। फिर अचानक दस रुपये बढ़े तो चालीस का दाम उपभोक्ताओं से वसूला जाने लगा। इसके बाद सीधे बीस रुपये की वृद्धि हो गई। इस तरह फुटकर में प्याज साठ रुपये किलो बिकने लगा। ऐसे में जो उपभोक्ता अन्य सब्जियों के साथ एक किग्रा तक प्याज खरीदते थे, उन्होंने मात्रा घटाकर आधा किलो और पाव भर कर दी। नवंबर के दूसरे पखवाड़े में प्याज की कीमतें कुछ घटना शुरू हो गईं। अच्छी क्वालिटी का प्याज पचास रुपये और सामान्य प्याज चालीस रुपये किलो पर आ गया लेकिन दिसंबर के महीने की दस्तक के साथ ही प्याज के दामों में अचानक पहले से भी तेज उछाल आया। भाव अचानक अस्सी रुपये किग्रा पर पहुंच गए। दो दिन फुटकर में प्याज अस्सी रुपये बिका और फिर सीधे सौ रुपये किलो पर आ गया। अब हालत यह कि लोग हिम्मत जुटाकर प्याज का भाव पूछते हैं और फिर पाव भर से अधिक नहीं खरीद पाते। तमाम उपभोक्ता तो भाव पूछकर आगे बढ़ जाते हैं। मंडी के थोक कारोबारियों का कहना है कि नासिक में फसल खराब होने से इस बार वहां से बिल्कुल आवक नहीं हो रही है। राजस्थान और मध्यप्रदेश से प्याज आ रहा है, उसकी भी आवक कम है। सहालगों के कारण मांग बढ़ी हुई है। इसी वजह से प्याज पर महंगाई छाई हुई है। फुटकर विक्रेता कर रहे मुनाफाखोरी

अक्टूबर-नवंबर में बाहरी मंडियों से रोजाना प्याज की आवक लगभग एक हजार क्विंटल हो रही थी जो दिसंबर शुरू होते ही घटकर सिर्फ 200 से लेकर अधिकतम 300 क्विंटल रह गई है। हालांकि मांग में पहले की तुलना से कोई कमी नहीं आई बल्कि सहालगों के कारण बढ़ गई है। आवक काफी घट जाने और मांग बढ़ने के बावजूद मंडी में प्याज का थोक भाव चार हजार रुपये प्रति क्विंटल है। मंडी के स्टाल पर सस्ता मिलेगा प्याज

कृषि उत्पादन मंडी समिति में पहुंचने वाले किसानों के लिए सस्ता प्याज उपलब्ध कराने के लिए स्टाल लगवाया जा रहा है। मंडी समिति के सचिव विजिन कुमार बालियान के अनुसार मंडी समिति कार्यालय परिसर में रोजाना दोपहर एक से अपराह्न चार बजे तक स्टाल लगवाया जा रहा है। किसानों तथा अन्य उपभोक्ताओं को अधिकतम एक किग्रा प्याज 45 रुपये के भाव पर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। अवकाश के दिन छोड़ पूरे सप्ताह सुविधा है।

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