पुलिस ने रोकी गणेश प्रतिमा विसर्जन यात्रा

पीलीभीतजेएनएन पीलीभीत- महाराष्ट्र मित्रमंडल की ओर आयोजित गणेश चतुर्थी उत्सव के समापन पर रंग-गुलाल उड़ाते हुए निकाली जा रही प्रतिमा विसर्जन यात्रा को पुलिस ने कह कहते हुए रोक दिया कि इसकी अनुमति नहीं ली गई है। इसके बाद पांच लोगों को प्रतिमा लेकर विसर्जन के लिए ब्रह्मचारी घाट पर जाने की इजाजत दी गई। इस प्रकरण की जानकारी लगते ही सदर विधायक संजय सिंह गंगवार मौके पर पहुंच गए।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 11:31 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 11:31 PM (IST)
पुलिस ने रोकी गणेश प्रतिमा विसर्जन यात्रा
पुलिस ने रोकी गणेश प्रतिमा विसर्जन यात्रा

पीलीभीत,जेएनएन : पीलीभीत- महाराष्ट्र मित्रमंडल की ओर आयोजित गणेश चतुर्थी उत्सव के समापन पर रंग-गुलाल उड़ाते हुए निकाली जा रही प्रतिमा विसर्जन यात्रा को पुलिस ने कह कहते हुए रोक दिया कि इसकी अनुमति नहीं ली गई है। इसके बाद पांच लोगों को प्रतिमा लेकर विसर्जन के लिए ब्रह्मचारी घाट पर जाने की इजाजत दी गई। इस प्रकरण की जानकारी लगते ही सदर विधायक संजय सिंह गंगवार मौके पर पहुंच गए। उन्होंने पुलिस के रवैये पर कड़ी नाराजगी जताई। साथ ही फोन पर अधिकारियों से वार्ता की लेकिन तब तक पांच लोगों ने देवहा नदी में प्रतिमा को विसर्जित कर दिया।

विगत दस सितंबर से चौक बाजार स्थित द्वारिकाधीश मंदिर चल रहे उत्सव का गुरुवार को अपराह्न समापन हो गया। समापन पर भक्तों ने विसर्जन यात्रा निकाली। इस यात्रा में दर्जनों भक्त रंग-गुलाल उड़ाते हुए गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ के उद्घोष करते चल रहे थे। इसकी भनक लगते ही सदर कोतवाली पुलिस ने पहुंचकर विसर्जन यात्रा को रास्ते में रोक लिया। कहा गया कि इसकी अनुमति नहीं ली गई है। किसी भी तरह के जुलूस निकलने पर प्रतिबंध है। वार्ता के बाद पांच लोगों को प्रतिमा लेकर विसर्जन के लिए जाने की अनुमति दे दी गई। इसी दौरान सदर विधायक संजय सिंह गंगवार को जानकारी मिली तो वह तुरंत मौके पर पहुंचे। उन्होंने पुलिस के रवैए पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। कहा कि लोगों की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचानी चाहिए। इस मामले में उन्होंने पुलिस के उच्चाधिकारियों से फोन पर वार्ता करते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की। उधर, प्रतिमा लेकर चार-पांच लोग ब्रह्मचारी घाट पर पहुंचे और देवहा नदी में विसर्जन किया। सदर कोतवाल मदन मोहन चतुर्वेदी के अनुसार बगैर पूर्व अनुमति के किसी भी तरह के जुलूस निकालने पर प्रतिबंध है। विसर्जन यात्रा बगैर अनुमति निकाली जा रही थी। जिसमें दर्जनों लोग शामिल थे और कोविड प्रोटोकाल का पालन भी नहीं कर रहे थे। इसीलिए यात्रा को रोककर पांच लोगों के माध्यम से प्रतिमा का सम्मानपूर्वक विसर्जन कराया गया।

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