जीवन की रक्षा के लिए फलदार व छायादार पौधे लगाएं

वृक्ष हमारे जीवन की धरोहर है। धरती पर मानव जाति के अलावा सभी जीव जंतु व प्राणियों के सबसे बड़े सुरक्षा कवच है। प्रकृति ने वृक्ष अनमोल उपहार के रूप में दिए हैं। कोरोना संकटकाल में जब लोगों ने प्राणवायु का संकट महसूस किया तो नीम बरगद पीपल के वृक्ष इस संकट को दूर करने में सबसे बड़े मददगार साबित हुए। इससे लोग आक्सीजन देने वाले पौधों का महत्व जान गए। साथ ही पौधारोपण के लिए प्रेरित हुए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 09:47 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 09:47 PM (IST)
जीवन की रक्षा के लिए फलदार व छायादार पौधे लगाएं
जीवन की रक्षा के लिए फलदार व छायादार पौधे लगाएं

पीलीभीत,जेएनएन : वृक्ष हमारे जीवन की धरोहर है। धरती पर मानव जाति के अलावा सभी जीव जंतु व प्राणियों के सबसे बड़े सुरक्षा कवच है। प्रकृति ने वृक्ष अनमोल उपहार के रूप में दिए हैं। कोरोना संकटकाल में जब लोगों ने प्राणवायु का संकट महसूस किया, तो नीम, बरगद, पीपल के वृक्ष इस संकट को दूर करने में सबसे बड़े मददगार साबित हुए। इससे लोग आक्सीजन देने वाले पौधों का महत्व जान गए। साथ ही पौधारोपण के लिए प्रेरित हुए हैं। इस बार वन महोत्सव के दौरान बड़े पैमाने पर पौधारोपण की तैयारी की जा रही है। खास जोर ज्यादा आक्सीजन देने वाले वृक्षों के पौधे रोपित करने पर दिया जा रहा है।

दैनिक जागरण ने प्राणवायु को बढ़ावा देने वाले बरगद, नीम, पीपल, बरगद के वृक्षों का पौधा रोपण करने के लिए आम लोगों को जागरूक करने का काम किया है। राष्ट्रव्यापी अभियान चलाकर प्रकृति का श्रंगार करने के लिए सभी को इसमें अपना योगदान देना चाहिए। इस अभियान से प्रभावित होकर मैंने अपने बेटे रोहन मित्तल के साथ चीनी मिल परिसर में नीम के कई पौधे लगाए हैं। सभी को इस मिशन से जुड़कर अधिक से अधिक पौधारोपण करने में सहयोग करना चाहिए।

अनुज मित्तल

पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में वृक्ष सबसे बड़े मददगार होते हैं। कोरोना संकट के समय में प्राणवायु को बढ़ावा देने वाले वृक्षों के पौधों को लगाने के लिए एक अच्छा अभियान शुरू किया गया है। सभी को इसमें बढ़-चढ़कर भागीदारी निभानी चाहिए। विशेषकर महिलाओं को भी इस मिशन से जोड़कर पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में अपना पूरा योगदान देना चाहिए।

अनीता अग्रवाल

मैं अपने ग्राम में बरगद, पीपल नीम, पाकड़ आदि ज्यादा प्राणवायु देने वाले वृक्षों के पौधे अधिक से अधिक संख्या में लगवाऊंगा। गांव का प्रधान होने के नाते यह जिम्मेदारी भी बनती है। ग्रामीणों को भी इस बाबत जागरूक करूंगा।

इश्तियाक अल्वी

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