पीटीआर को विश्व पटल पर मिली पहचान

चार साल के भीतर बाघों की संख्या दोगुनी से अधिक हो जाने पर ग्लोबल टाइगर फोरम का प्रथम अवार्ड प्राप्त होने से टाइगर रिजर्व की पहचान विश्व पटल पर हुई है। लेकिन इसके साथ ही टाइगर रिजर्व की चुनौतियां भी बढ़ गई हैं। बाघों की बढ़ती संख्या के बीच उनका समुचित ढंग से संरक्षण किए जाने का स्टाफ पर दबाव बढ़ गया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 04 Dec 2020 10:55 PM (IST) Updated:Fri, 04 Dec 2020 10:55 PM (IST)
पीटीआर को विश्व पटल पर मिली पहचान
पीटीआर को विश्व पटल पर मिली पहचान

पीलीभीत,जेएनएन : चार साल के भीतर बाघों की संख्या दोगुनी से अधिक हो जाने पर ग्लोबल टाइगर फोरम का प्रथम अवार्ड प्राप्त होने से टाइगर रिजर्व की पहचान विश्व पटल पर हुई है। लेकिन, इसके साथ ही टाइगर रिजर्व की चुनौतियां भी बढ़ गई हैं। बाघों की बढ़ती संख्या के बीच उनका समुचित ढंग से संरक्षण किए जाने का स्टाफ पर दबाव बढ़ गया है।

वर्ष 2014 में जब यहां के जंगल को सरकार ने पीलीभीत टाइगर रिजर्व घोषित किया था। तब यहां बाघों की संख्या सिर्फ 25 थी। टाइगर रिजर्व बनने के बाद मानव का जंगल में दखल कम होने लगा। इससे वन्यजीवों को स्वच्छंद विचरण करने का माहौल मिला। इसी का परिणाम रहा कि वर्ष 2018 में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की गाइडलाइन का पालन करते हुए जब देश के सभी टाइगर रिजर्व में ट्रैस कैमरों के माध्यम से बाघों की गणना कराई गई तो पीलीभीत का टाइगर रिजर्व इकलौता ऐसा निकला, जहां चार साल में ही बाघों की संख्या दोगुनी से अधिक हुई है। ग्लोबल टाइगर फोरम ने वर्ष 2010 में घोषित किया था कि जिस टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या दोगुनी हो जाएगी, उसे अवार्ड प्रदान किया जाएगा। पिछले दिनों जब पीटीआर को यह ग्लोबल अवार्ड मिला तो वन विभाग के साथ ही जिला प्रशासन, पुलिस एवं पर्यावरण एवं वन्यजीव प्रेमियों में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। बाघों की सुरक्षा एवं सरंक्षण के लिए पीटीआर प्रशासन की ओर से जंगल में चौकसी बढ़ा दी गई है। अधिकारी भी पैदल गश्त करते हैं।

इनसेट

ग्लोबल टाइगर फोरम से अवार्ड मिलने के बाद हम सबकी जिम्मेदारी और बढ़ गई है। जंगल में बाघों की सुरक्षा का घेरा और मजबूत किया जाएगा। बाघों की सुरक्षा एवं संरक्षण की दिशा में जो भी आवश्यक समझा जाएगा, वह किया जाएगा। पीटीआर की ओर से कुछ संसाधनों के लिए प्रस्ताव तैयार कराकर जल्द ही शासन को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।

नवीन खंडेलवाल, डिप्टी डायरेक्टर पीलीभीत टाइगर रिजर्व

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