पानी में 36 घंटे से डूबा धान, सड़ने की आशंका
पीलीभीतजेएनएन पूरनपुर तहसील क्षेत्र में 36 घंटे से अधिक समय से डूबी धान की फसल के सड़ने की आशंका है। पानी फसल के ऊपर कई कई फिट तक चल रहा है। किसान परेशान नजर आ रहे हैं। सब्जी की फसल को भी बरसात ने नुकसान पहुंचाया है।
पीलीभीत,जेएनएन : पूरनपुर तहसील क्षेत्र में 36 घंटे से अधिक समय से डूबी धान की फसल के सड़ने की आशंका है। पानी फसल के ऊपर कई कई फिट तक चल रहा है। किसान परेशान नजर आ रहे हैं। सब्जी की फसल को भी बरसात ने नुकसान पहुंचाया है।
सोमवार की रात हुई मूसलधार बारिश ने सभी जगह पानी-पानी कर दिया है। इस पानी से जहां शारदा नदी के किनारे रहने वाले लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हुआ है वहीं खेतों में तैयार खड़ी धान की फसल को भी नुकसान हुआ है। हवा के साथ बरसात होने से धान की फसल खेतों में लेट गई है। निचले खेतों में कई कई फिट तक पानी बह रहा है। पानी के वेग के आगे फसल धराशायी हो गई है। पिछले 36 घंटे से अधिक समय से ज्यादा उसके ऊपर पानी चलने से धान सड़ने की आशंका है। पांच दिन पहले जिस धान की कंबाइन से कटाई की तैयारी हो रही थी उन खेतों में पानी भरने से अब कटाई एक सप्ताह तक न होने की उम्मीद है। तैयार धान खेतों में गिर जाने से उसमें से अंकुर निकलने पर वह धान पूरी तरीके से बर्बाद हो जाएगा। किसानों ने बताया कि निचले और ऊंचे स्थानों पर खड़े सभी प्रकार का धान बरसात से बर्बाद हुआ है। प्रशासनिक अधिकारियों को सर्वे कराकर किसानों को मुआवजा दिया जाना चाहिए। गोमती नदी और शारदा के किनारे के खेत पूरी तरीके से बर्बादी के कगार पर पहुंच गए हैं। धान के खेतों को बचाना किसानों के लिए भी चुनौती होगा। जिन किसानों ने धान की हाथ से कटाई की थी बुधवार को वह पानी से धान को निकाल कर सुरक्षित स्थान पर ले जाते दिखाई दिए।
हाथ से कटाई की बढ़ेगी मांग
सभी जगह तैयार हो चुकी फसल को किसान बेहद तन्मयता के साथ कटाने की तैयारी कर रहे थे लेकिन अचानक बरसात ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया। फसल भी खेतों में गिर गई। ऐसे में कंबाइन मशीन वहां जाना और उससे कटाई कराना संभव नहीं है। हाथ से कटाई करने की मांग बढ़ेगी। इससे जो जरूरतमंद लोग खाली बैठे थे उनको रोजगार मिलेगा।