अब घर बैठे ऑनलाइन दर्ज हो सकेगी विरासत
डिजिटल इंडिया ने तहसील कचहरी की भाग दौड़ न करने वालों के लिए एक सुविधा प्रदान की है।
पूरनपुर (पीलीभीत) : डिजिटल इंडिया ने तहसील कचहरी की भाग दौड़ न करने वालों के लिए एक काम आसान कर दिया। जमीन की विरासत दर्ज कराने को अब लेखपाल और दूसरे राजस्व कर्मियों के साथ कोर्ट के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। बल्कि मृत्यु प्रमाण पत्र और उत्तराधिकार प्रमाण पत्र के साथ प्रोफार्म नंबर 9 भरना होगा। जांच प्रक्रिया पूरी होते ही ऑनलाइन विरासत दर्ज हो जाएगी। राजस्व दस्तावेज का नाम आते ही हर किसी को मुसीबत नजर आती है। सरकार द्वारा इस प्रक्रिया को आसान बनाने की कवायद हो रही है। ताकि लोगों को उनके आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध हो जाए। इसी प्रक्रिया के तहत अब भूमि दस्तावेजों को डिजिटल इंडिया से जोड़ने की तैयारी कर ली गई है। पहले चरण में खसरा, खतौनी को ऑनलाइन करने की तैयारी कर ली गई है। इसके बाद इस प्रक्रिया को धीरे-धीरे और विस्तृत किया गया। अब शासन ने जमीनों के दस्तावेज में दर्ज होने वाली विरासत को भी ऑनलाइन कर दिया गया है। कलीनगर तहसीलदार विजय कुमार त्रिवेदी ने बताया कि शीघ्र यह व्यवस्था लागू होगी। लेखपाल करेगा आवेदन की जांच
इसे पहले चरण में विरासत दर्ज कराने वाले आवेदक को भूमि स्वामी का मृत्यु प्रमाण पत्र और उत्तराधिकार आदि प्रमाण पत्र क्षेत्रीय लेखपाल को देते हुए एक आवेदन पत्र भरवाना होगा। इसके बाद लेखपाल द्वारा उस पर जांच रिपोर्ट दर्ज कर आवेदक के दावे से संतुष्ट होते हुए उसे कंप्यूटर पर दर्ज कर ऑनलाइन दर्ज कर दिया जाएगा। इसके बाद आवेदक निर्धारित वेबसाइट पर जाकर आसानी खतौनी और वरासत से जुड़े दस्तावेज देख सकेगा। मोबाइल नंबर दर्ज करते ही मिलेगा पासवर्ड
विरासत दर्ज करने के लिए आवेदक को राजस्व संहिता की धारा (31) 1 के अंतर्गत उत्तराधिकार फार्म प्रपत्र 9 भरना होगा। साथ ही लेखपाल द्वारा निर्धारित आवेदन फार्म पर आवेदक का मोबाइल नंबर भी भरना होगा। उसी मोबाइल नंबर के साथ पासवर्ड भी मिलेगा।