बार्डर पर सिर्फ तस्कर ही नहीं, ठग भी कर रहे वारदात

इंडो-नेपाल बार्डर पर गुरुवार को हुई घटना के बाद सीमावर्ती गांवों में तल्ख माहौल है। नेपाली पुलिस तस्करी में मुठभेड़ का आरोप लगा रही मगर इसकी पुष्टि नहीं हो रही है। इस बीच जांच में पुलिस को पता चला कि बार्डर क्षेत्र में ठगों का गिरोह भी अक्सर वारदात करता है। इसको लेकर कई विवाद भी हो चुके हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Mar 2021 10:59 PM (IST) Updated:Sat, 06 Mar 2021 10:59 PM (IST)
बार्डर पर सिर्फ तस्कर ही नहीं, ठग भी कर रहे वारदात
बार्डर पर सिर्फ तस्कर ही नहीं, ठग भी कर रहे वारदात

पीलीभीत,जेएनएन: इंडो-नेपाल बार्डर पर गुरुवार को हुई घटना के बाद सीमावर्ती गांवों में तल्ख माहौल है। नेपाली पुलिस तस्करी में मुठभेड़ का आरोप लगा रही, मगर इसकी पुष्टि नहीं हो रही है। इस बीच जांच में पुलिस को पता चला कि बार्डर क्षेत्र में ठगों का गिरोह भी अक्सर वारदात करता है। इसको लेकर कई विवाद भी हो चुके हैं।

गांव में रहने वाले लोगों को नोट दोगुने करने का झांसा देने वाले गिरोह के सदस्य कहते हैं हेराफेरी कर लोगों को भरोसे में ले लेते हैं। अपने साथ के लोगों को भीड़ के आसपास खड़ा कर देते हैं। उसी साथी को अजनबी बताते हुए जेब से कुछ नोट निकलवाते हैं। इसके बाद हाथ की सफाई दिखाकर अपने पास रखे नोट उसमें मिलाकर दर्शाते हैं कि दोगुने कर दिए। खुली सीमा होने के कारण दोनों तरफ से आवाजाही होती है और दोनों ओर के कुछ लोग ऐसी घटनाएं कर जाते हैं। बताया जाता है कि कुछ दिन पहले भी इसी तरह की ठगी हुई थी। जिसको लेकर ठगी का शिकार हुए युवकों ने नाराजगी जताई थी। गुरुवार को आरोपितों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया। उस समय भी विवाद हुआ था। पुलिस यह जानने में जुटी थी वे लोग कौन थे। नेपाली युवकों की इस विवाद में क्या भूमिका थी और स्थानीय तौर पर किन युवकों का नाम इससे जुड़ रहा है। टिल्ला नंबर चार, भूदान समेत आसपास के गांव हजारा थाने से काफी दूर हैं। जंगल व शारदा नदी का क्षेत्र होने के कारण पुलिस की गतिविधियां भी इस क्षेत्र में कम हो पाती हैं। जिस कारण छोटे विवादों की जानकारी या शिकायत नहीं पहुंच पाती।

नेपाली पुलिस कटघरे में

सीमावर्ती ग्रामीणों का कहना है कि गुरुवार की शाम को ऐसा कोई विवाद नहीं हुआ, जिसमें गोली चलाने की नौबत आ जाती। खेत में काम करने के बाद हाथ-मुंह धोने गए गोविंदा व उनके साथियों से नेपाली पुलिसकर्मी भिड़ गए थे। विवाद को बातचीत से सुलझाया जा सकता था। गंभीर मामला था तो अधिकारियों को सूचित किया जाता। इसके बजाय नेपाल के पुलिसकर्मियों ने सीधे गोली चला दी। गोविंदा के सीने के बीचों-बीच गोली मारना जता रहा कि नेपाली पुलिसकर्मियों ने निशाना साधकर उनकी जान ले ली।

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