गांव में नहीं बनी एक भी सीसी रोड

उत्तराखंड बॉर्डर से लगी ग्राम पंचायत भिडारा में अब तक एक भी सीसी रोड नहीं बन सकी। गांव जलापूर्ति योजना से भी अभी तक वंचित है। गांव के लोगों को सामुदायिक शौचालय की भी सुविधा नहीं मिल सकी है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 10:55 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 10:55 PM (IST)
गांव में नहीं बनी एक भी सीसी रोड
गांव में नहीं बनी एक भी सीसी रोड

पीलीभीत,जेएनएन : उत्तराखंड बॉर्डर से लगी ग्राम पंचायत भिडारा में अब तक एक भी सीसी रोड नहीं बन सकी। गांव जलापूर्ति योजना से भी अभी तक वंचित है। गांव के लोगों को सामुदायिक शौचालय की भी सुविधा नहीं मिल सकी है।

पंचायत चुनाव आते ही ग्रामीणों के बीच गांव के प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होने लगी है। ग्रामीणों के लिए सबसे बड़ा मुद्दा कोई भी सीसी रोड न होना बन गया है। क्षेत्र के कई गांव पेयजल योजना के तहत पानी की टंकी भी नहीं बनी। गांव में सर्वजन शौचालय लोगों को काफी अखर रहा है। लगभग छह हजार की आबादी वाला यह गांव भंडारा दो राज्यों की सीमा से लगा हुआ है। भिंडारा गांव नगर पंचायत मझोला से लगा है। गांव में कितना विकास बाकी है, कितना हो गया। इसको लेकर मुद्दों पर चर्चा हुई। लोग मुद्दे पर चर्चा करते हैं कि गांव में अभी तक किसी ने ओवरहेड टैंक बनाकर जलापूर्ति बनाने की कोशिश नहीं की गई। नगर पंचायत से लगा हुआ गांव है। गांव के बीचोबीच से सितारगंज उत्तराखंड को मार्ग निकलता है।

गांव के गिरीश चंद का कहना है कि जलापूर्ति की सुविधा नहीं है। जिससे गांव के लोगों को शुद्ध जल नहीं मिल पाता। गांव में जलापूर्ति की व्यवस्था होना अनिवार्य है। जिससे गांव के लोगों को शुद्ध जल मिल सके। गांव का सही ढंग से विकास होना चाहिए।

गांव निवासी रामचरण राणा कहना है कि गांव भिंडारा सीमांत का गांव माना जाता है। जब चुनाव आते हैं तो इस गांव की चर्चा आस-पास के गांव में रहती है कि भंडारा गांव का प्रधान कैसा होगा। गांव का विकास बहुत पीछे चला गया है। विकास कार्य न होने से लोग निराश हैं।

गांव निवासी धर्मेंद्र कुमार का कहना है कि गांव में जनप्रतिनिधि बन जाने के बाद गांव की ओर कोई पलट कर नहीं देखता। गांव में सबसे बड़ी समस्याएं रहती हैं। तमाम लोगों को पात्र होते हुए भी पेंशन योजनाओं का लाभ नहीं मिल सका है। गांव के विकास की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया।

दीपचंद राठौर का कहना है कि मझोला नगर पंचायत से लगा हुआ गांव है लेकिन अभी तक सीसी रोड नहीं बनी है। गांव में गंदगी का आलम है। गांव में कम से कम एक सीसी रोड का बनना अनिवार्य है, जिससे गांव सुंदर दिखे। साथ ही सामुदायिक शौचालय प्रमुख मुद्दा है।

राजकुमार का कहना है कि गांव में सामुदायिक शौचालय ना होने से गांव से निकलने वाले लोगों को बहुत दिक्कत होती है। गांव में जलापूर्ति, गरीबों को आवास, सीसी रोड, साफ-सफाई जिससे गांव सुंदर व साफ दिखे। चुने जाने वाले जनप्रतिनिधि से लोगों को यही आस है कि जिससे गांव का विकास हो।

गांव निवासी गंगाराम कश्यप का कहना है कि गांव विकास के मामले में बहुत पीछे है। अनेक समस्याएं हैं लेकिन उनका समाधान नहीं हो रहा। अन्य गांवों में तो सीसी रोड बन गए लेकिन कुछ नहीं हुआ। सार्वजनिक शौचालय भी नहीं बन सका है।

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