आनलाइन के बजाय पड़ोस के दुकानदारों से करें खरीदारी

पीलीभीतजेएनएन ज्वलंत मुद्दों को लेकर सांसद वरुण गांधी लगातार ट्वीटर पर सरकार को असहज करने वाले सवाल खड़े रहे हैं। अब उन्होंने भ्रष्टाचार-महंगाई और आर्थिक नीतिगत अव्यवस्था का मुद्दा उठाया है। साथ ही ट्वीटर पर मीडिया में प्रकाशित एक खबर को भी अपलोड किया है। उन्होंने ट्वीटर पर उपभोक्ताओं से भावुक अपील करते हुए लिखा कि आनलाइन कंपनियों से खरीदारी करने के बजाय अपने पड़ोस के छोटे दुकानदारों से खरीदारी करके इनका साथ दीजिए। वैश्विक मंदी के समय इन्होंने ही देश की अर्थव्यवस्था को संभाला था।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 11:25 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 11:25 PM (IST)
आनलाइन के बजाय पड़ोस के दुकानदारों से करें खरीदारी
आनलाइन के बजाय पड़ोस के दुकानदारों से करें खरीदारी

पीलीभीत,जेएनएन : ज्वलंत मुद्दों को लेकर सांसद वरुण गांधी लगातार ट्वीटर पर सरकार को असहज करने वाले सवाल खड़े रहे हैं। अब उन्होंने भ्रष्टाचार-महंगाई और आर्थिक नीतिगत अव्यवस्था का मुद्दा उठाया है। साथ ही ट्वीटर पर मीडिया में प्रकाशित एक खबर को भी अपलोड किया है। उन्होंने ट्वीटर पर उपभोक्ताओं से भावुक अपील करते हुए लिखा कि आनलाइन कंपनियों से खरीदारी करने के बजाय अपने पड़ोस के छोटे दुकानदारों से खरीदारी करके इनका साथ दीजिए। वैश्विक मंदी के समय इन्होंने ही देश की अर्थव्यवस्था को संभाला था।

बुधवार की सुबह नौ बजे सांसद वरुण गांधी ने ट्वीटर पर लिखा कि भ्रष्टाचार, महंगाई और आर्थिक नीतिगत अव्यवस्था के कारण बड़ी संख्या में छोटे उत्पादक और दुकानदार काम-धंधा बंद करने पर मजबूर हैं। सांसद ने लिखा कि अमेजान, वालमार्ट के बजाय अपने पड़ोस के छोटे दुकानदारों से खरीदारी करके इनका साथ दीजिए। वैश्विक मंदी के समय इन्होंने ही देश की अर्थव्यवस्था को संभाला था। सांसद वरुण गांधी ने अभी हाल में ही लखनऊ में शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों पर प्रदर्शन के दौरान लाठीचार्ज का वीडियो अपलोड करके लिखा था कि ये भी मां भारती के लाल हैं। जब रिक्तियां हैं और योग्य अभ्यर्थी भी तो भर्ती क्यों नहीं हो रही। यूपी टीईटी परीक्षा में पेपर लीक होने का मुद्दा भी सांसद ने प्रमुखता से उठाया था। पेपर लीक होने के प्रकरण पर उन्होंने ट्वीटर पर सवाल खड़ा किया कि छोटी मछलियों के बजाय शिक्षण संस्थाओं के राजनीतिक रसूखदारों पर कब सरकार कार्रवाई करेगी। कृषि कानूनों के खिलाफ चले लंबे किसान आंदोलन के दौरान भी सांसद लगातार ट्वीटर पर लिखते रहे हैं। उन्होंने आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों को न सिर्फ शहीद बताया बल्कि उनके आश्रितों को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा दिए जाने की भी मांग की थी। लखीमपुर खीरी हिसा प्रकरण में वह केंद्रीय गृह राज्यमंत्री कर कार्रवाई की मांग कर चुके हैं। बुधवार की शाम सात तक बजे सांसद के इस ट्वीट को सात हजार से ज्यादा लोग लाइक कर चुके हैं। वहीं दो हजार से ज्यादा लोगों ने इसे रीट्वीट किया है।

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