प्राथमिक विद्यालय कुर्रा में कॉन्वेट जैसी सुविधाएं

विकास खंड अमरिया यह प्राथमिक विद्यालय कुर्रा है। एकल विद्यालय होने के बाद भी व्यवस्था इतनी अच्छी की कोई भी आकर्षित हो जाए। इसी का परिणाम है कि गांव का कोई बच्चा प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने के लिए गांव से बाहर नहीं जाता। निजी विद्यालयों जैसा माहौल गांव में ही मिलने लगे तो भला जाना भी कौन चाहेगा। प्राथमिक विद्यालय कुर्रा की स्थापना 2012 में की गई। गांव में एक निजी विद्यालय भी खुलालेकिन प्राथमिक विद्यालय के आगे टिक न सका और अंतत बंद हो गया। प्राथमिक विद्यालय कुर्रा में प्रधानाध्यापक मोहम्मद अकरम व एक शिक्षामित्र कार्यरत हैं। विद्यालय में 48 बच्चों का नामांकन है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Sep 2020 11:27 PM (IST) Updated:Sun, 20 Sep 2020 05:06 AM (IST)
प्राथमिक विद्यालय कुर्रा में कॉन्वेट जैसी सुविधाएं
प्राथमिक विद्यालय कुर्रा में कॉन्वेट जैसी सुविधाएं

पीलीभीत,जेएनएन : विकास खंड अमरिया यह प्राथमिक विद्यालय कुर्रा है। एकल विद्यालय होने के बाद भी व्यवस्था इतनी अच्छी की कोई भी आकर्षित हो जाए। इसी का परिणाम है कि गांव का कोई बच्चा प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने के लिए गांव से बाहर नहीं जाता। निजी विद्यालयों जैसा माहौल गांव में ही मिलने लगे तो भला जाना भी कौन चाहेगा। प्राथमिक विद्यालय कुर्रा की स्थापना 2012 में की गई। गांव में एक निजी विद्यालय भी खुला,लेकिन प्राथमिक विद्यालय के आगे टिक न सका और अंतत: बंद हो गया। प्राथमिक विद्यालय कुर्रा में प्रधानाध्यापक मोहम्मद अकरम व एक शिक्षामित्र कार्यरत हैं। विद्यालय में 48 बच्चों का नामांकन है।

भौतिक रूप से विद्यालय में दो कक्षाकक्ष, बालक-बालिका शौचालय, रसोई घर मौजूद है। पर्याप्त मैदान उपलब्ध है जिसमें हरियाली दिखाई देती है। ये मैदान किसी अच्छे गार्डन से कम नहीं लगते।

कायाकल्प से हुआ टायलिग का काम : विद्यालय में ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत कक्षाकक्षों व बरामदे में टायल लगवाने का काम कराया गया।

निजी व्यय से शुरू कायाकल्प: प्रधानाध्यापक मोहम्मद अकरम वर्ष 2012 से विद्यालय में तैनात हैं। उन्होंने ऑपरेशन कायाकल्प अभियान शुरू होने से काफी पहले ही विद्यालय का कायाकल्प शुरू करा दिया था। प्रधानाध्यापक की ओर से विद्यालय के भौतिक परिवेश का सुंदरीकरण करने के प्रयास किए गए। भवन की दीवारों पर आकर्षक पेंटिग, कक्षाकक्ष में ज्ञानवर्धक कलाकृतियां, बाला मॉडल का प्रयोग करते हुए भवन के पिलरों पर गिनती लिखवाने का कार्य किया है। कक्षाओं में चित्रों की सजावट के माध्यम से बच्चों को सिखाने में आसानी होती है। पूरे कैंपस में फर्श का निर्माण कराया। प्रधानाध्यापक ने बताया कि बच्चों को बेहतर पुस्तकालय व फर्नीचर उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत हैं।

उपलब्ध कराते हैं स्टेशनरी: विद्यालय में बच्चों को निश्शुल्क पुस्तक वितरण विभाग की ओर से होता है। प्रधानाध्यापक मोहम्मद अकरम निजी प्रयासों से बच्चों को स्टेशनरी का सामान उपलब्ध कराते हैं। जरूरतमंद बच्चों को कॉपी व पेंसिल देने के साथ ही प्रत्येक बच्चे को रंग के पैकेट दिए जाते हैं। किसी बच्चे को सीखने के लिए संसाधनों के अभाव का सामना नहीं करना पड़ता।

समाजसेवा से मिली प्रेरणा: प्रधानाध्यापक मोहम्मद अकरम बेसिक शिक्षा विभाग में आने से पूर्व सामाजिक उत्थान के कार्यों से जुड़े रहे। जनपद में स्थापित दिव्यांग पुनर्वास केंद्र की स्थापना व संचालन में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। दिव्यांग लोगों की सेवा करते रहने से वंचित वर्ग के कल्याण का भाव उनमें निहित रहा। प्रेरणा पाकर एकल विद्यालय को प्रेरक विद्यालय के रूप में परिवर्तित करने के लिए ²ढ़ संकल्पित हैं। वर्जन--

प्राथमिक विद्यालय कुर्रा में प्रधानाध्यापक द्वारा काफी अच्छा कार्य कराया गया है। सीमित संसाधनों के बीच भी प्राथमिक विद्यालय कुर्रा में बेहतर व्यवस्थाएं उपलब्ध हैं। आने वाले समय में कुर्रा को मॉडल स्कूल में परिवर्तित करने की अपार संभावनाएं हैं।

- राकेश पटेल, जिला समन्वयक सर्व शिक्षा अभियान कुर्रा कम आबादी वाला गांव है। हमारा प्रयास है कि यहां के बच्चों को बेहतर प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध करा पाएं जिससे भविष्य में उन्हें कोई कठिनाई न हो। विद्यालय को आकर्षित बनाकर और बेहतर शैक्षिक माहौल देकर ही गांव के सभी बच्चों को स्कूल तक लाया जा सकता है।

- मोहम्मद अकरम, प्रधानाध्यापक

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