इस सीजन नहीं चालू हो पाएगी मझोला चीनी मिल

पीलीभीतजेएनएन जिले की मझोला सहकारी चीनी मिल एक दशक से बंद पड़ी है। हर चुनाव में राजनीतिक दलों के नेता इसे चलवाने का आश्वासन देते रहे हैं। पिछले साढ़े चार साल के दौरान सदर विधायक संजय सिंह गंगवार इस मिल को चलवाने के लिए शासन में लगातार पैरवी करते रहे। कैबिनेट ने बंद पड़ी चीनी मिल को फिर से चलवाने का प्रस्ताव भी पारित कर दिया था। इस सबके बावजूद फिलहाल इस सीजन में फैक्ट्री के चालू हो पाने के कोई आसार नहीं हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 11:47 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 11:47 PM (IST)
इस सीजन नहीं चालू हो पाएगी मझोला चीनी मिल
इस सीजन नहीं चालू हो पाएगी मझोला चीनी मिल

पीलीभीत,जेएनएन : जिले की मझोला सहकारी चीनी मिल एक दशक से बंद पड़ी है। हर चुनाव में राजनीतिक दलों के नेता इसे चलवाने का आश्वासन देते रहे हैं। पिछले साढ़े चार साल के दौरान सदर विधायक संजय सिंह गंगवार इस मिल को चलवाने के लिए शासन में लगातार पैरवी करते रहे। कैबिनेट ने बंद पड़ी चीनी मिल को फिर से चलवाने का प्रस्ताव भी पारित कर दिया था। इस सबके बावजूद फिलहाल इस सीजन में फैक्ट्री के चालू हो पाने के कोई आसार नहीं हैं।

खास बात यह है कि सहकारिता क्षेत्र की यह चीनी मिल उत्तराखंड के बार्डर पर स्थित है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का निर्वाचन क्षेत्र खटीमा है। वहां के सैकड़ों किसान भी इसी मिल में गन्ने की आपूर्ति करते रहे हैं। इसीलिए सदर विधायक संजय सिंह गंगवार ने पिछले दिनों इस मिल को चलवाने के मुद्दे पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने भेंट करके वार्ता की थी। जिले की इस पहली सहकारी चीनी मिल की स्थापना 70 के दशक में तत्कालीन मुख्यमंत्री सुचेता कृपलानी के कार्यकाल में हुई थी। दशकों तक जिले की सबसे अच्छी चीनी मिल मानी जाती थी। मझोला कस्बा तो इस चीनी मिल की वजह से ही आबाद हुआ था। वर्ष 2010 में चंद दिन पेराई करके मिल को अंतिम रूप से बंद कर दिया गया था। इसका कारण कुप्रबंधन के कारण मिल का भारी घाटे में डूब जाना बताया गया था। तब से हर चुनाव में बंद पड़ी यह चीनी मिल मुद्दा बनती रही है। सभी प्रमुख दलों के नेता चुनाव के दौरान इसे चलवाने के आश्वासन भी किसानों को देते रहे लेकिन मिल अब तक नहीं चल सकी। सदर विधायक ने भी चुनाव में वादा किया था। चुनाव के बाद से ही वह पैरवी में भी जुटे रहे। कैबिनेट में प्रस्ताव पारित होने के बाद शासन से कई बार अधिकारी यहां आए और बंद पड़ी चीनी मिल का सर्वे करके लौट गए। साल की शुरुआत में माना जा रहा था कि इस मिल को लीज पर देकर चलवाने की तैयारी हो रही है लेकिन अब तक प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी। इनसेट

चीनी मिल से जुड़े गांव

जिले के 51 गांवों के 3267 किसान

खटीमा (उत्तराखंड) के 111 गांव मझोला सहकारी चीनी मिल को चालू कराने के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है। इस मामले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कई बार मुलाकात की गई। जिसके फलस्वरूप राज्य कैबिनेट ने इस बाबत प्रस्ताव भी पारित किया। इसके अलावा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी मुलाकात कर सहयोग करने का आग्रह किया गया है। - संजय सिंह गंगवार, सदर विधायक

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