सामुदायिक शौचालय में लटक रहे ताले
पीलीभीतजेएनएन स्वच्छ भारत मिशन की मंशा में अधिकारियों की लापरवाही बाधा बन रही है। क्षेत्र में बने सामुदायिक शौचालयों का संचालन शुरू नहीं हो पा रहा है। स्वयं सहायता समूह को हैंडओवर होने के बाद भी इनमें ताला लटक रहा है। सामुदायिक शौचालय का निर्माण तीन श्रेणी से कराया गया है और उसी के अनुसार धनराशि खर्च की गई। ब्लाक की अधिकांश ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण पूरा हो गया है।
पीलीभीत,जेएनएन : स्वच्छ भारत मिशन की मंशा में अधिकारियों की लापरवाही बाधा बन रही है। क्षेत्र में बने सामुदायिक शौचालयों का संचालन शुरू नहीं हो पा रहा है। स्वयं सहायता समूह को हैंडओवर होने के बाद भी इनमें ताला लटक रहा है।
सामुदायिक शौचालय का निर्माण तीन श्रेणी से कराया गया है और उसी के अनुसार धनराशि खर्च की गई। ब्लाक की अधिकांश ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण पूरा हो गया है। निर्माण के बाद इन शौचालयों को स्वयं सहायता समूह को हैंड ओवर करना बताया जा रहा है। इसके बाद भी शौचालय में ताला लटक रहा है। ग्रामीण महीनों से ताला खुलने की उम्मीद में हैं। जिनके यहां शौचालय नहीं है वह खुले में शौच जाने को विवश हैं। बताया जा रहा है कि शौचालय की देखरेख करने वाले का छह हजार रुपये माह, तीन हजार बिजली सप्लाई आदि पर खर्च के लिए मिलते हैं। इसके बाद भी ग्रामीणों को शौचालय का ताला खुलने का इंतजार है। अधिकारियों की अनदेखी व उदासीनता से ग्रामीणों को महत्वपूर्ण सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। गांवों में यूनिट के तहत शौचालय बनवाए गए हैं। सभी शौचालयों को महिला सहायता समूह को हैंड ओवर किया जा चुका है। सभी को नियमित रूप से शौचालय खोलने के आदेश हैं। लापरवाही के चलते शौचालय नहीं खुलने की शिकायतें आ रही हैं। जांच कराई जाएगी, जो शौचालय नहीं खुला मिला कार्रवाई होगी।
-अजय देवल, एडीओ पंचायत
पूरनपुर सामुदायिक शौचालय बनने के समय लोग बहुत खुश थे लेकिन इसमें कई माह से ताला लटक रहा है। जबकि इसकी सुविधा जरूरतमंदों को मिलनी चाहिए। जिम्मेदार गांव में आकर सच्चाई से रूबरू नहीं होना चाहते। ऐसे में गांव के लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं।
मुन्नी देवी
शौचालय निर्माण का मकसद लोगों को खुले में शौच जाने से रोकना था। शौचालय बन गया है तो उसका संचालन जनहित में होना चाहिए। सरकार ने संचालन के लिए जिम्मेदारी है लेकिन उसे नहीं निभाया जा रहा है।
बाबूराम
ताला लगा होने से लोग खुले में शौच जाने को विवश हैं। बरसात का मौसम है बाहर जाने में जहरीले जीव जंतुओं का खतरा बना रहता है। काफी समय से यहां आमजन की समस्याओं को अनदेखा किया जा रहा है।
सुरेंद्र भारती
सरकार ने गांवों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण इसलिए कराया कि खुले में शौच की कुप्रथा खत्म हो सके। लापरवाही के चलते शौचालय में ताले लटक रहे हैं। फिर भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।
दिलेराम