पांच साल बाद मिली जेल को जमीन वो भी विवादित

नई जेल बनाने के लिए प्रशासन को पांच साल की मशक्कत के बाद जमीन तो मिली लेकिन वह विवादों में घिरी है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Feb 2019 09:08 AM (IST) Updated:Sat, 23 Feb 2019 09:08 AM (IST)
पांच साल बाद मिली जेल को जमीन वो भी विवादित
पांच साल बाद मिली जेल को जमीन वो भी विवादित

बदायूं : नई जेल बनाने के लिए प्रशासन को पांच साल की मशक्कत के बाद जमीन तो मिली लेकिन वह विवादों से घिरी निकली। इन्हीं विवादों के चलते नई जेल के निर्माण में भी पेच फंसा हुआ है। जेल का निर्माण अब तब ही संभव है, जब जमीनों के वादों का निस्तारण हो जाए। हालांकि अब केवल नौ जमीनें ही बची हैं, जिनमें फैसला आना रह गया है। घनी आबादी से जेल हटाकर उसे शहर के बाहरी इलाके में शिफ्ट करने का निर्देश साल 2010 में प्रशासन को मिला था। इसके बाद नई जेल के लिए जमीन की तलाश शुरू कर दी गई। शुरूआत में प्रशासन को बरेली-बदायूं फोरलेन पर खुनक गांव के पास 18.36 हेक्टेयर जमीन मिली। 35 किसानों की काबिजदारी वाली इस जमीन पर कुछ ऐसे भी किसान थे, जिन्होंने अधिग्रहण से स्पष्ट इंकार कर दिया। इसके बाद प्रशासन ने कादरचौक रोड पर जमीन चिह्नित की लेकिन यहां भी किसान जमीन देने को राजी नहीं हुए। वहीं बाद में कुंवरगांव रोड पर गाटा संख्या 150 व 152 का चिह्नित किया गया। यह जमीन जिला पंचायत की थी और बोर्ड में इसके अधिग्रहण का प्रस्ताव पारित नहीं हो सका। इंसेट -------

बिल्सी रोड पर मिली जमीन

अंत में प्रशासन ने बिल्सी रोड पर गांव लौड़ा बहेड़ी में तकरीबन 42 हेक्टेयर जमीन चिह्नित की है इस जमीन पर लगभग 65 किसान काबिज हैं। शासन ने किसानों से अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है। वहीं किसान भी अधिग्रहण को राजी हैं लेकिन कई जमीनें ऐसी निकलीं, जिनके मालिकाना हक संबंधी वाद विभिन्न अदालतों में विचाराधीन थे। वर्जन

अभी नौ जमीनें ऐसी और रह गई हैं, जिनके वाद लंबित हैं। उनके निस्तारण के बाद ही अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो सकेगी। तभी निर्माण शुरू होगा। फिलहाल उन वादों के निस्तारण का इंतजार किया जा रहा है।

- आदित्य कुमार, प्रभारी जेल अधीक्षक

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