कागज का तिरंगा बनाकर तख्ती को सजाया था

गांव धुंधरी निवासी 92 वर्षीय वसी अहमद को 15 अगस्त 1947 का वह दिन याद है जब उन्होंने गांव के बच्चों के साथ कागज से तिरंगा झंडा बनाकर तख्ती पर चिपकाया और फिर पूरे गांव में जुलूस निकाला था

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Aug 2020 11:11 PM (IST) Updated:Fri, 14 Aug 2020 11:11 PM (IST)
कागज का तिरंगा बनाकर तख्ती को सजाया था
कागज का तिरंगा बनाकर तख्ती को सजाया था

पीलीभीत,जेएनएन : गांव धुंधरी निवासी 92 वर्षीय वसी अहमद को 15 अगस्त 1947 का वह दिन याद है, जब उन्होंने गांव के बच्चों के साथ कागज से तिरंगा झंडा बनाकर तख्ती पर चिपकाया और फिर पूरे गांव में जुलूस निकाला था ।

काफी उम्रदराज होने के कारण अब उन्हें कम दिखाई देता है। ऊंचा सुनने लगे हैं लेकिन आजादी का पहले दिन का जिक्र करते ही धुंधली आंखे चमक उठती है। बोले- अंग्रेजों में इस मुल्क के लोगों पर बहुत जुल्म किए थे। मगर आजादी के मतवालों ने उन्हें देश को आजाद करने के लिए मजबूर कर दिया। वह बताते हैं जब मुल्क आजाद हुआ था, उस समय वह गांव गिधौर में रहते थे। मुल्क की आजादी की खबर जब सुनीं तो गांव के लोगों में काफी उत्साह था। उस समय झंडे बैनर आदि का इंतजाम नहीं था। काग•ा पर तिरंगा बनाकार तख्ती चिपकाया, इसके बाद जुलुस की शक्ल में गांव में घूमकर आजादी का जश्न मनाया था। उस समय गांव में आबादी बहुत कम थी। सुबह शाम लोग अक्सर चौपाल पर ही बैठा करते थे। आज भी ध्यान है पिता फय्याज अहमद आजादी की पहली सुबह पर गुड़ की मिठाई लोगों को बांटकर खुशियां मनाई थीं।

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