तमाम सपने साकार, कुछ अभी शेष

हजारा थाना क्षेत्र के गांव अशोक नगर जंगल कॉलोनी में रह रहे वयोवृद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चौधरी रणवीर सिंह जीवन के 97 बसंत देख चुके हैं। उम्र ढलने के कारण आंखें धुंधली पड़ गई हैं और सुनाई भी कम देने लगा है लेकिन आजादी के आंदोलन का जिक्र छिड़ते ही उनके चेहरे पर चमक आ जाती है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Aug 2020 11:07 PM (IST) Updated:Fri, 14 Aug 2020 11:07 PM (IST)
तमाम सपने साकार, कुछ अभी शेष
तमाम सपने साकार, कुछ अभी शेष

पीलीभीत,जेएनएन : हजारा थाना क्षेत्र के गांव अशोक नगर जंगल कॉलोनी में रह रहे वयोवृद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चौधरी रणवीर सिंह जीवन के 97 बसंत देख चुके हैं। उम्र ढलने के कारण आंखें धुंधली पड़ गई हैं और सुनाई भी कम देने लगा है लेकिन आजादी के आंदोलन का जिक्र छिड़ते ही उनके चेहरे पर चमक आ जाती है। बोले- जब लंबे संघर्ष के बाद आजादी मिली तो अंग्रेजों की लाठियों का दर्द भी भूल गए थे। मूल रूप से मेरठ जिले के निवासी चौधरी कहते हैं कि आंदोलन के दौरान स्वतंत्रता सेनानियों और क्रांतिकारियों ने आजाद भारत की व्यवस्था के लिए जो सपने देखे थे, उनमें से बहुत से सपने पूरे हो गए।

वह कहते हैं कि कश्मीर से धारा 370 की समाप्ति, तीन तलाक जैसी कुप्रथा का अंत, दहेज विरोधी प्रभावी कानून, अयोध्या में राम जन्मभूमि का निपटारा आदि को वह देश की बड़ी उपलब्धि रही है। कश्मीर तो भारत का अभिन्न अंग था है और रहेगा। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का कहना है कि देश की सेनाओं को भी मजबूत किया गया है। गरीबों की हालत में भी सुधार आया है। आजादी के बाद देश में भ्रष्टाचार बढ़ गया था,लेकिन अब हालात सुधरते देख अच्छा लगता है। गांवों का अभी उतना विकास नहीं हुआ, जितना होने का हम लोगों ने आजाद भारत में सपना देखा था। गांवों के लिए अभी भी बहुत कुछ किया जाना शेष है। किसानों की हालत अभी भी अच्छी नहीं है। गांवों में इस तरह से विकास होना चाहिए , जिससे वहां रहने वालों को रोजगार के लिए बाहर जाने की जरूरत ही न पड़े। उन्होंने बताया कि आजादी के बाद उन्हें सरकार ने दस एकड़ कृषि भूमि का आवंटन किया था, तभी से वह यहां परिवार समेत आकर बस गए थे। चौधरी साहब का कहना है कि यह देखकर मन को तसल्ली होती है कि लोगों में देश प्रेम बढ़ रहा है।

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