संस्कारशाला में बच्चों को खूब भायी 'दोस्ती की बात'

पीलीभीतजेएनएन दैनिक जागरण की ओर से गुरुवार को शहर के लिटिल एंजिल्स स्कूल में संस्कारशाला का आयोजन किया गया। छात्र-छात्राओं को जागरण में संस्कारशाला के तहत प्रकाशित दोस्ती की बात कहानी का वाचन किया गया। बच्चों ने पूरा ध्यान लगाकर कहानी को सुना। यही कारण रहा कि जब कहानी का वाचन हो गया तब उससे संबंधित चंद सवाल किए गए तो बच्चों ने तपाक से सटीक जवाब दिए।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 Sep 2021 11:27 PM (IST) Updated:Thu, 09 Sep 2021 11:27 PM (IST)
संस्कारशाला में बच्चों को खूब भायी 'दोस्ती की बात'
संस्कारशाला में बच्चों को खूब भायी 'दोस्ती की बात'

पीलीभीत,जेएनएन : दैनिक जागरण की ओर से गुरुवार को शहर के लिटिल एंजिल्स स्कूल में संस्कारशाला का आयोजन किया गया। छात्र-छात्राओं को जागरण में संस्कारशाला के तहत प्रकाशित दोस्ती की बात कहानी का वाचन किया गया। बच्चों ने पूरा ध्यान लगाकर कहानी को सुना। यही कारण रहा कि जब कहानी का वाचन हो गया तब उससे संबंधित चंद सवाल किए गए तो बच्चों ने तपाक से सटीक जवाब दिए।

सुबह लिटिल एंजिल्स स्कूल में प्रार्थना के तुरंत बाद प्रधानाचार्य अनुराग दास ने जागरण टीम का छात्र-छात्राओं से परिचय कराते हुए संस्कारशाला के बारे में उन्हें जानकारी दी। इसके उपरांत सेवानिवृत्त शिक्षक, समाधान विकास समिति विपनेट क्लब के रिसोर्स पर्सन लक्ष्मीकांत शर्मा ने रोचक अंदाज में दोस्ती की बात कहानी बच्चों को सुनाना शुरू किया। तमाम बच्चे पूरे अनुशासन के साथ एकाग्र होकर कहानी सुनते रहे। कहानी के दोनों प्रमुख पात्र मोहन और दिलजीत की दोस्ती उन्हें काफी अच्छी लगी। साइकिल की टक्कर लगने से चोट आने के बाद भी मोहन का स्कूल पहुंचकर दिलजीत को किताब उपलब्ध कराने के प्रसंग से बच्चे काफी प्रभावित हुए। जब मीणा सर ने मोहन को भारत रत्न, लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई की कर्तव्य परायणता का प्रसंग सुनाया तो बच्चों को उससे काफी सीख मिली। कहानी का वाचन करने के बाद लक्ष्मीकांत शर्मा ने उस पर आधारित चार सवाल एक-एक करके बच्चों से पूछे। जैसे ही उनका सवाल पूरा होता तो जवाब देने के लिए तमाम बच्चों के हाथ एकसाथ उठ जाते। कार्यक्रम संपन्न होने के बाद कक्षाओं की ओर जाते छात्र-छात्राओं के बीच कहानी की चर्चा होती रही। संस्कारशाला की कहानी बहुत ही अच्छी लगी है। मोहन का अपने दोस्त की मदद करने का जो तरीका रहा, वह हम सभी को सीख देने वाला है। लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल का प्रसंग प्रेरणा देने वाला रहा।

नंदिनी अग्रवाल दोस्ती की बात कहानी दो विद्यार्थियों के बीच आपसी सहयोग की मिसाल पेश करने वाली है। मोहन का अपने सहपाठी दिलजीत के लिए रात में ही किताब खरीदने बाजार जाना आपसी सहयोग की भावना को दर्शाता है।

विजय कुमार इस कहानी में लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल का प्रसंग हमारे लिए काफी सीख देने वाला है। इससे नसीहत मिली कि हमें अपने कर्तव्य को हर हाल में निभाना चाहिए। इसके प्रति सजग रहना आवश्यक है।

नंदिनी जोशी दोस्ती की बात कहानी से कई तरह की प्रेरणा मिली है। एक तो दोस्त की हमेशा मदद करना चाहिए। दूसरे अपने कर्तव्य पालन के प्रति हमेशा जागरूक होना चाहिए। भले ही कोई व्यवधान आए लेकिन हमें अपना उद्देश्य पूरा करना है।

अध्यांशा जायसवाल शिक्षक-शिक्षिकाओं की बात

जागरण की संस्कारशाला वास्तव में बच्चों को अच्छे संस्कार देने वाली है। सामान्य तौर पर पाठ्यक्रम से अतिरिक्त ऐसी कहानियां बच्चों को प्रेरणा देने वाली होती हैं।

एमएल गंगवार दैनिक जागरण संस्कार शाला के माध्यम से हर साल स्कूलों में बच्चों के लिए विविध कार्यक्रम आयोजित करता रहा है। इस तरह के कार्यक्रमों से बच्चों को कई तरह की सीख मिलती है।

अंजू सक्सेना जागरण संस्कारशाला जैसा नाम है, कार्य भी उसी के अनुरूप है। बच्चों को जितने अच्छे संस्कार मिलते हैं, उनका जीवन उतना ही अधिक सफल रहता है। इस कहानी से बच्चों को सीख मिली।

नीना मेहरोत्रा शिक्षा के साथ ही बच्चों के लिए संस्कार भी आवश्यक है। अच्छे संस्कार मिलने से बच्चों का सही विकास होता है। वह एक जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित होते हैं। जागरण के प्रयास सराहनीय हैं।

दीपक सक्सेना जागरण संस्कारशाला एक बेहतर प्रयास है। बच्चों ने दोस्ती की बात कहानी को बड़े ही ध्यान से सुना। कहानी भी काफी रोचक और प्रेरणादायी रही। इससे बच्चों को काफी कुछ सीखने का अवसर मिला है।

अनुराग दास, प्रधानाचार्य दैनिक जागरण अखबार अपने सामाजिक सरोकार के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहा है। संस्कारशाला उसी कड़ी का एक सफल आयोजन रहा है। बच्चों के लिए पढ़ाई के साथ साथ इस तरह की कहानियां उन्हें अच्छाई के लिए प्रेरित करती हैं।

डा. संजीव अग्रवाल, प्रबंधक

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