शहर के निचले इलाकों में घुसा देवहा का पानी

पीलीभीतजेएनएन देवहा नदी की बाढ़ का पानी शहर के निचले इलाकों में घुस गया है। मुहल्ला बेनी चौधरी में लोगों के घरों में पानी भर गया। ऐसे में नागरिकों ने परिवार सहित मकानों की छतों पर डेरा डाल रखा है। ईदगाह क्रासिग से बरेली हाईवे को जोड़ने वाला संपर्क मार्ग पानी में डूबा है। इस संपर्क मार्ग पर कई फिट पानी चल रहा है। बैरीकेडिग कराकर इस मार्ग पर आवागमन बंद करा दिया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 12:05 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 12:05 AM (IST)
शहर के निचले इलाकों में घुसा देवहा का पानी
शहर के निचले इलाकों में घुसा देवहा का पानी

पीलीभीत,जेएनएन : देवहा नदी की बाढ़ का पानी शहर के निचले इलाकों में घुस गया है। मुहल्ला बेनी चौधरी में लोगों के घरों में पानी भर गया। ऐसे में नागरिकों ने परिवार सहित मकानों की छतों पर डेरा डाल रखा है। ईदगाह क्रासिग से बरेली हाईवे को जोड़ने वाला संपर्क मार्ग पानी में डूबा है। इस संपर्क मार्ग पर कई फिट पानी चल रहा है। बैरीकेडिग कराकर इस मार्ग पर आवागमन बंद करा दिया गया है। शहर से सटे चंदोई में भिकारीपुर व नावकूड़ मार्ग पर भी बाढ़ का पानी आ जाने से आवागमन की दिक्कतें हैं। शहर के मुक्तिधाम परिसर में देवहा नदी का पानी घुस गया है। दूसरी ओर शारदा नदी का कहर ट्रांस क्षेत्र में जारी है। सुबह महिलाओं और बच्चों को वायुसेना के हेलीकाप्टर से दो चरणों में सुरक्षित निकाल लिया गया। शारदा पार शेष फंसे लोगों को अब सशस्त्र सीमा बल के जवान मोटरबोट से रेस्क्यू कर रहे हैं। मोटरबोट से ही प्रभावित ग्रामीणों को भोजन के पैकेट व अन्य सामग्री वितरित कराई जा रही है। बाढ़ में फंसे जिन लोगों को निकाला जा रहा, उन्हें उसी क्षेत्र में ऊंचाई वाले स्थानों पर शिविर लगाकर ठहराया गया है। सिख संगत ने लंगर बांटने का कार्य शुरू कर दिया है।

एक ओर शारदा नदी ने पूरनपुर व कलीनगर तहसील के गांव में तबाही मचा रखी है तो दूसरी ओर शहर से सटकर बहने वाली देवहा नदी का पानी निचले इलाकों में घुस गया है। देवहा नदी का जलस्तर बढ़ने से शहर के नाले नालियां चोक हो गए हैं। लोगों में यह आशंका भी बनी हुई है कि यदि देवहा नदी में पानी बढ़ा तो शहर से नदी की ओर जाने वाले नाले वापस शहर की ओर बहने लगेंगे, जिससे समस्या और गंभीर हो सकती है। तीन दिन हुई बारिश से नानक सागर डैम पूरी तरह भर गया था। मंगलवार को सुबह से डैम के सारे गेट खोल कर पानी रिलीज किया जा रहा था। जिसके बाद ड्यूनी धाम के भी समस्त गेट खोल दिए गए, इससे देवहा में बाढ़ आ गई। मंगलवार शाम को बाढ़ का पानी शहर के किनारे निचले इलाकों में घुसने लगा था, लेकिन बुधवार सुबह हालत और गंभीर हो गए। ईदगाह के पीछे स्थित मुक्तिधाम श्मशान घाट भी जलमग्न हो गया। पकड़िया नौगवां, इस्लामनगर सहित मुहल्ला डालचंद, खकरा के निचले इलाकों में नदी का पाना आ गया है। उधर, शारदा पार बाढ़ में फंसे 26 महिलाओं, बच्चों को वायुसेना के हेलीकाप्टर से रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाल लिया गया। इसके बाद शारदा के जलस्तर में कमी आते ही सशस्त्र सीमा बल के जवानों ने मोटरबोट से राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। हजारा क्षेत्र के टांगिया में पेड़ पर चढ़कर जान बचाने वाले लोगों के लिए टीम रवाना हो गई। उधर, मंडलायुक्त आर रमेश कुमार व आइजी रेंज रमित शर्मा ने बुधवार को माधोटांडा थाना में पहुंचकर ट्रांस क्षेत्र में पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों का जायजा लिया।

लोगों को याद आई वर्ष 2008 की बाढ़

13 वर्ष पूर्व 21 सितंबर 2008 को भी लगातार तीन दिन की बारिश के बाद हालात बिगड़ गए थे। देवहा नदी का पानी इतना बढ़ गया था कि शहर की ओर नदी का रुख हो गया था। पकड़िया नौगवां में घरों में अधिक पानी भर जाने की वजह से बरेली मार्ग को काटना पड़ा था। जिससे कि देवहा नदी का पुल सहित काटी गई सड़क से पानी क्रास हो पाया था। जिसके बाद धीरे-धीरे जलस्तर घट पाया। उस दौरान शहर में कई स्थानों पर तीन फीट, तो कई स्थानों पर पांच से छह फीट तक बाढ़ का पानी भर गया था। शहर का कोई भी इलाका बाढ़ से अछूता नहीं रहा था।

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