पांच दशक में नहीं देखा ऐसा मंजर

पीलीभीतजेएनएन शारदा के किनारे बसे गांवों में जलस्तर अभी पूरी तरीके से नहीं घट सका है। ग्रामीणों के घरों में पानी भरा है। राहुलनगर और खिरकिया बरगदिया के लोग सड़क किनारे जंगल में पन्नी और तिरपाल डालकर रह रहे हैं। हालांकि शुक्रवार को नदी में पानी कम होने पर कुछ लोग घरों को रवाना हुए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 12:14 AM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 12:14 AM (IST)
पांच दशक में नहीं देखा ऐसा मंजर
पांच दशक में नहीं देखा ऐसा मंजर

पीलीभीत,जेएनएन : शारदा के किनारे बसे गांवों में जलस्तर अभी पूरी तरीके से नहीं घट सका है। ग्रामीणों के घरों में पानी भरा है। राहुलनगर और खिरकिया बरगदिया के लोग सड़क किनारे जंगल में पन्नी और तिरपाल डालकर रह रहे हैं। हालांकि शुक्रवार को नदी में पानी कम होने पर कुछ लोग घरों को रवाना हुए हैं।

ट्रांस शारदा क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांव बाढ़ से बेहद प्रभावित हुए हैं। तीन से चार चार फुट पानी लोगों के घरों में घुसा गया था जो धीरे-धीरे कम हो रहा है। चंदिया हजारा राहुलनगर, खिरकिया बरगदिया और नदी पार बसे गांव कंबोजनगर, बैल्हा, बाजारघाट, नहरोसा गांवों में अभी हालात सामान्य नहीं हुए हैं। लोगों के घरों में पानी तो चला गया है , लेकिन कीचड़ उत्पन्न हो गई है। मंगलवार की रात से गांव में आए पानी के बाद लोगों ने ऊंचे स्थानों पर शरण ली हुई है। चंदिया हजारा और राहुलनगर के लोग जंगल व सड़क किनारे तिरपाल और पन्नी डालकर रहने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ ने छप्परपोश घरों के साथ ही फसलों को भी तबाह कर दिया है। खाने तक के लाले पड़े हुए हैं। चार दिनों से ग्रामीण क्षेत्र या फिर अन्य सुरक्षित स्थानों पर रूककर रात गुजार रहे हैं। ग्रामीण बताते हैं कि पिछले पांच दशक से कभी भी ऐसा मंजर नहीं आया। इस बाढ़ ने लोगों को भारी नुकसान पहुंचाया है। इससे उबर पाना ग्रामीणों के लिए आसान नहीं होगा। बाढ़ का दर्द ग्रामीणों की आंखों में साफ देखा गया। तहस नहस घर बयां कर रहे दास्तां

बाढ़ की तबाही की दास्तां छप्परपोश घर बयां कर रहे हैं। बाढ़ में आधे डूब जाने से तहस नहस हो गए हैं। लोगों के घरों के किनारों तक पानी चलने के निशान बने हुए हैं। खेतों में तेज बहाव के साथ आई सिल्ट चढ़ी हुई है जिससे फसल पूरी तरह से बर्बाद होने की संभावना है। घरों में कीचड़ के साथ जलभराव है। गुरुवार को निकली धूप में घरेलू सामान सुखाते नजर आए। सड़कें कटीं, गड्ढों में जलभराव

चंदिया हजारा, राहुलनगर, खिरकिया बरगदिया गांवों में तीन दिनों पानी चलने रास्ते कट चुके हैं। चंदिया हजारा में मुख्य सड़क पर जलभराव हैं और गहरा गड्ढा बन गया है। गांव में घुसते ही उसमें आधा वाहन चला जा रहा है। कुछ ऐसा ही हाल अन्य सड़कों का है। पानी के बहाव के कारण सड़कें जगह-जगह से कट गई हैं। पानी कम होने के बाद इन सड़कों पर लोगों को निकलने में काफी दिक्कत होगी। साथ ही कच्चे रास्ते दलदल में भी तब्दील हो जाएंगे। पिछले चार दिनों से ग्रामीणों के आगे खाने, रहने और सोने की समस्या आ गई है। बेहद मुश्किल भरे दिन गुजर रहे हैं। शारदा नदी के किनारे रहने वाले लोग बेहद परेशान हैं।

तपन हलधर

घरों में पिछले दो दिनों से चूल्हा नहीं जला है। खाद्यान्न सामग्री भी पानी की भेंट चढ़ चुकी है। घरों में रखें संदूक तक में पानी भर गया है। बेहद भयावह स्थिति हो गई है।

गौतम सरकार

मंगलवार की रात जिस तरह से पानी नदी में बढ़ा था ऐसा लग रहा था कि पूरा गांव डूब जाएगा। अचानक तीन से चार फिट पानी घरों में पहुंच गया। बमुश्किल लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचे।

महेंद्र कर्मकार

गुरुवार को पानी काफी हद तक कम हो गया है। लोगों के घरों में कीचड़ और जलभराव होने से रुकना मुश्किल हो रहा है। संक्रामक रोग भी फैलने की आशंका बनी हुई है।

समीर मिस्त्री अपनी पूरी जिदगी ऐसा भयावह मंजर अभी तक नहीं देखा। हमेशा बाढ़ आती थी लेकिन इस तरह से लोगों का नुकसान नहीं होता था। इस बार बाढ़ ने तबाह कर दिया।

गोधन विश्वास

पिछले पांच दशक से कभी भी ऐसा मंजर नहीं देखा। इस बार बाढ़ से हर कोई भयभीत है। सब कुछ नष्ट हो चुका है। खाने तक के लोगों को लाले पड़े हैं। इससे उबरना मुश्किल होगा।

विप्रसाधर

chat bot
आपका साथी