तंबुओं में रहने को बाढ़ पीड़ित मजबूर

पीलीभीतजेएनएन सीमावर्ती गांवों में बाढ़ के बाद अभी भी ग्रामीण तंबू में रहकर गुजर बसर कर रहे हैं। बाढ़ पीड़ितों पर भारी बरसात के बाद आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। बाढ़ से सैकड़ों ग्रामीणों के घर गिर जाने से व सामान बाढ़ में बह जाने से क्षेत्र की स्थिति काफी दयनीय हो गई। राहत के नाम पर ग्रामीणों को सिर्फ भोजन ही उपलब्ध कराया जा रहा है। अभी भी संकट के चलते ग्रामीण बाढ़ के दंश से उभर नहीं पा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 12:37 AM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 12:37 AM (IST)
तंबुओं में रहने को बाढ़ पीड़ित मजबूर
तंबुओं में रहने को बाढ़ पीड़ित मजबूर

पीलीभीत,जेएनएन: सीमावर्ती गांवों में बाढ़ के बाद अभी भी ग्रामीण तंबू में रहकर गुजर बसर कर रहे हैं। बाढ़ पीड़ितों पर भारी बरसात के बाद आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। बाढ़ से सैकड़ों ग्रामीणों के घर गिर जाने से व सामान बाढ़ में बह जाने से क्षेत्र की स्थिति काफी दयनीय हो गई। राहत के नाम पर ग्रामीणों को सिर्फ भोजन ही उपलब्ध कराया जा रहा है। अभी भी संकट के चलते ग्रामीण बाढ़ के दंश से उभर नहीं पा रहे हैं।

माधोटांडा क्षेत्र के इंडो नेपाल सीमा पर बसे दर्जनों गांव हाल ही में आई बाढ़ से काफी प्रभावित हुए। चारों ओर पानी ही पानी नजर आने लगा। शारदा नदी द्वारा क्षेत्र में काफी कहर बरपाया गया। सैकड़ों घर बाढ़ की चपेट में आकर तबाह हो गए। फसलें पूरी तरीके से बर्बाद हो गई। ग्रामीणों का घर में रखा सामान भी बाढ़ में बह गया। सुंदरनगर, बंदरभोज, नलड़ेंगा, नगरिया खुर्द कला, रमनगरा, महाराजपुर, धुरिया पलिया, थारूपट्टी, समेत दर्जनों गांव बाढ़ से काफी प्रभावित रहे। अभी भी इन गांवों के लोगों का घर बाढ़ में बह जाने की वजह से कुछ लोग तंबू में रहकर गुजारा कर रहे हैं। बाढ़ का दंश झेल रहे बाढ़ पीड़ित आर्थिक संकट के चलते अभी भी दुश्वारियां में अपनी जिदगी बिता रहे हैं। बाढ़ तो चली गई लेकिन उसके निशान अभी भी बाढ़ के कहर को दर्शा रहे हैं। अभी भी ग्रामीण भुखमरी की कगार पर खड़े हुए हैं। ग्रामीणों का एकमात्र सहारा फसल भी बाढ़ ने नष्ट कर दी। अब प्रशासन की ओर आस लगाए बैठे बाढ़ पीड़ित सरकार से मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं। बाढ़ पीड़ितों का कहना है मुआवजा आने में अभी समय लग रहा है। जब तक हम लोग क्या करें। एसडीएम कलीनगर योगेश कुमार गौड़ ने बताया जल्द ही ग्रामीणों को सरकार की ओर से राहत दी जाएगी। बाढ़ के प्रभाव से हम लोग पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं। फसलें भी बाढ़ में नष्ट कर दी। घर में राशन के नाम पर एक दाना भी नहीं है अब हम क्या खाएं। -रमेश सरकार राहत सामग्री के नाम पर हम लोगों को भोजन तो दिया जाता है लेकिन अभी भी हम लोग तंबू में रहकर जिदगी काट रहे हैं जिससे काफी परेशानी हो रही है।- निमाई मजूमदार। सरकार द्वारा जल्द ही हम लोगों के लिए मुआवजा आना चाहिए जिससे हम लोग दोबारा अपने घरों को बनवा सकें। कब तक ऐसे ही तंबू में रहेंगे।- तुलसी राय।

बाढ़ ने सब कुछ बर्बाद कर दिया। घरों में छोटे-छोटे बच्चे भी परेशानियों से जूझ रहे हैं। हम लोगों पर आर्थिक संकट आकर खड़ा हो गया है। हमारी मदद की जाए।- निताई।

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