किसानों को नहीं मिला गन्ने का भुगतान

पीलीभीतजेएनएन एक साल बीतने के बाद भी लखीमपुर खीरी की गोला गोकर्णनाथ चीनी मिल की ओर से किसानों को गन्ने का भुगतान नहीं किया गया है। मात्र एक माह 10 दिन का भुगतान हुआ है। किसान बेहद परेशान हैं। उच्चाधिकारी भी ध्यान नहीं दे रहे हैंजिससे वह आर्थिक तंगी से जूझने को मजबूर हैं। उनका गन्ने से मोहभंग हो रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 10:46 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 10:46 PM (IST)
किसानों को नहीं मिला गन्ने का भुगतान
किसानों को नहीं मिला गन्ने का भुगतान

पीलीभीत,जेएनएन : एक साल बीतने के बाद भी लखीमपुर खीरी की गोला गोकर्णनाथ चीनी मिल की ओर से किसानों को गन्ने का भुगतान नहीं किया गया है। मात्र एक माह 10 दिन का भुगतान हुआ है। किसान बेहद परेशान हैं। उच्चाधिकारी भी ध्यान नहीं दे रहे हैं,जिससे वह आर्थिक तंगी से जूझने को मजबूर हैं। उनका गन्ने से मोहभंग हो रहा है।

शासन की ओर से 14 दिन में किसानों को बिक्री किए गए गन्ने का भुगतान करने का आदेश चीनी मिलों को दिया है लेकिन यह आदेश हवा में उड़ाया जा रहा है। एक किसान बेमौसम बरसात से बर्बाद हो चुके हैं ऊपर से गन्ने का भुगतान न मिलने से अब उनको आर्थिक संकटों से भी जूझना पड़ रहा है। थाना सेहरामऊ उत्तरी क्षेत्र के चार क्रय केंद्रों का गन्ना बजाज ग्रुप की गोला गोकर्णनाथ चीनी मिल को सप्लाई होता है। पिछले वर्ष 2020 में यहां के किसानों ने चीनी मिल को गन्ना सप्लाई किया था। किसानों को मात्र एक माह 10 दिन सिर्फ 12 दिसंबर तक का ही भुगतान किया गया। साल बीतने के बाद भी कोई भुगतान नहीं किया गया है जबकि नए सत्र से अगले माह पेराई का शुभारंभ हो जाएगा। किसान लंबी दूरी तय कर भुगतान के बारे में चीनीमिल प्रबंधन से जानकारी कर रहे हैं लेकिन उन्हें कोई ठोस जवाब नहीं दिया जा रहा है। एक साल से भुगतान न मिलने पर किसानों का गन्ने की खेती से मोहभंग होता जा रहा है जबकि अन्य चीनी मिलें लगभग किसानों का संपूर्ण भुगतान कर चुकी है जबकि इस चीनी मिल के अधिकारी पूरी तरीके से मनमानी पर उतारू हैं। इस ओर विभाग के समिति स्तरीय और जिला स्तरीय अधिकारी भी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। पूरनपुर क्षेत्र में चार क्रय केंद्र स्थापित कर गन्ने की खरीद की जाती है। 12 दिसंबर 2020 तक गन्ने का भुगतान कर दिया गया है। नवंबर तक किसानों का सभी बकाया गन्ना भुगतान कर दिया जाएगा। प्रयास किए जा रहे हैं।

-ओमदत्त शर्मा,वरिष्ठ गन्ना प्रबंधक गोला गोकर्णनाथ चीनी मिल

गन्ने का भुगतान न मिलने से किसान काफी परेशान हैं। अब ऐसा लग रहा है कि भुगतान मिल पाना बेहद मुश्किल होगा। बच्चों की पढ़ाई, शादी आदि सभी में कर्ज लेना पड़ रहा है। किसानों की तरफ किसी का ध्यान नहीं है।

रामेश्वर, किसान

पिछले सत्र का किसानों को एक माह दस दिन का भुगतान किया गया। एक साल बीत चुका है लेकिन भुगतान को लेकर मिल प्रबंधन की तरफ से कोई सुध नहीं ली जा रही है। किसान आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं।

रामगोपाल, किसान एक एक साल बाद अगर किसानों को गन्ने का भुगतान किया जाएगा तो वह खेती कैसे कर पाएंगे। इस चीनीमिल से जुड़े किसानों का गन्ने की खेती से पूरी तरह से मोह भंग हो रहा है। किसान अनदेखी पर आंसू बहा रहे हैं।

संतोष सिंह, किसान

भुगतान के मामले में पूरी तरह फिसड्डी हो चुकी गोला चीनी मिल को गन्ना न देने का किसान इसबार मन बना रहे हैं। अधिकारियों से मिलकर क्रय केंद्रों का आवंटन दूरी चीनी मिल को कराने की मांग उठाई जाएगी।

नीतू, किसान

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