एकादशी पर घर-घर पूजे गए भगवान विष्णु के चरण

देवोत्थानी एकादशी पर भगवान विष्णु के चरण घर-घर में पूजे गए। धार्मिक मान्यता के अनुसार क्षीरसागर में छह माह शयन के बाद भगवान विष्णु जाग्रत हो जाते हैं। इसके उपरांत विवाह आदि अन्य शुभ कार्य संपन्न किए जा सकते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 25 Nov 2020 11:16 PM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2020 11:16 PM (IST)
एकादशी पर घर-घर पूजे गए भगवान विष्णु के चरण
एकादशी पर घर-घर पूजे गए भगवान विष्णु के चरण

पीलीभीत,जेएनएन : देवोत्थानी एकादशी पर भगवान विष्णु के चरण घर-घर में पूजे गए। धार्मिक मान्यता के अनुसार क्षीरसागर में छह माह शयन के बाद भगवान विष्णु जाग्रत हो जाते हैं। इसके उपरांत विवाह आदि अन्य शुभ कार्य संपन्न किए जा सकते हैं।

बुधवार को सुबह से ही लोगों ने देवोत्थानी एकादशी पूजन की तैयारियां शुरू कर दीं। तमाम लोगों ने एकादशी पर उपवास भी रखा। दिन में लोग पूजन के लिए बाजार में खरीदारी करते रहे। सड़कों के किनारे चौराहों पर अनेक स्थानों पर आज गन्ने की खूब बिक्री हुई। इसके अलावा सिघाड़ा, शकरकंद, मूली बैंगन की भी लोगों ने खरीदारी की। मांग बढ़ने के कारण इन सभी चीजों के आज भाव भी बढ़े रहे। दोपहर बाद घरों के आंगन में परंपरागत ढंग से रंगोली सजाने का काम शुरू कर दिया गया। रंगोली के बीचोबीच भगवान विष्णु के चरणों की आकृति बनाई गई। सायं को शुभ मुहूर्त में विधि-विधान से पूजन किया गया। भगवान विष्णु से परिवार में सुख-शांति बनी रहे, इसके लिए प्रार्थना की गई।

बीसलपुर : नगर समेत पूरे क्षेत्र में देवोत्थानी एकादशी का पर्व परंपरागत तरीके से श्रद्धा पूर्वक मनाया गया। सुबह से ही इस पर्व को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह दिखाई देने लगा। श्रद्धालुओं ने खेतों से गन्ने को लाकर घर के आंगन में चावल के आटा से चौक बनाया। चौक के अंदर अगौला सहित गन्ना, सिघाड़ा, शकरकंद, मूली, बैंगन आदि प्रसाद रूप में रखकर देवताओं की पूजा की। देवताओं के उठने का आह्वान किया गया। इस पर्व पर पूरे दिन श्रद्धालुओं ने उपवास रखा। घरों में उबले हुए सिगाड़े, शकरकंदी, आलू तथा फलों का आनंद लिया। श्रद्धालुओं ने बच्चों को मीठी पूड़ियां खिलाकर उपहार दिए। इनसेट

गन्ना बेचने वालों ने खूब की कमाई

फोटो-25पीआइएलपी-15

देवोत्थानी एकादशी पर पूजन में अन्य सामग्री के साथ ही गन्ना की आवश्यकता भी सभी को अनिवार्य रूप से पड़ती है। ऐसे में सुबह से ही गांवों से अनेक किसान और मजदूर गन्ना बेचने के लिए शहर में आ गए। स्टेशन रोड पर कई स्थानों पर सड़क किनारे पूरे दिन गन्ना की बिक्री होती रही। शुरुआत में बीस रुपये जोड़ा गन्ना बिका। विक्रेताओं ने जब देखा कि ग्राहक अधिक आ रहे हैं तो फिर उन्होंने तीस रुपये में बेचना शुरू कर दिया। इसी तरह से गत दिवस तक सब्जी मंडियों में सिघाड़ा बीस रुपये प्रति किग्रा बिकता रहा लेकिन बुधवार को ग्राहकों को तीस रुपये प्रति किग्रा के दाम चुकाने पड़े। शकरकंद भी 30 से लेकर 35 रुपये प्रतिकिलोग्राम बेची गई।

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