ओपीडी से डाक्टर गायब, मरीज परेशान

पीलीभीतजेएनएन जनपद में इन दिनों डेंगू बुखार समेत अन्य संक्रामक रोगों का प्रकोप है। ऐसे में जिला संयुक्त अस्पताल में डाक्टरों के समय से उपस्थित न होने के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शनिवार को दो दिन बाद पूरे समय के लिए अस्पताल खुला था। इस दौरान मरीजों की काफी भीड़ दिखाई दी। निर्धारित समय सुबह आठ बजे से ही मरीजों का आना शुरू हो गया थालेकिन डाक्टरों के मौजूद न होने के कारण मरीज कक्षों के बाहर बैठकर इंतजार करते दिखाई दिए।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 11:10 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 11:10 PM (IST)
ओपीडी से डाक्टर गायब, मरीज परेशान
ओपीडी से डाक्टर गायब, मरीज परेशान

पीलीभीत,जेएनएन: जनपद में इन दिनों डेंगू, बुखार समेत अन्य संक्रामक रोगों का प्रकोप है। ऐसे में जिला संयुक्त अस्पताल में डाक्टरों के समय से उपस्थित न होने के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शनिवार को दो दिन बाद पूरे समय के लिए अस्पताल खुला था। इस दौरान मरीजों की काफी भीड़ दिखाई दी। निर्धारित समय सुबह आठ बजे से ही मरीजों का आना शुरू हो गया था,लेकिन डाक्टरों के मौजूद न होने के कारण मरीज कक्षों के बाहर बैठकर इंतजार करते दिखाई दिए। शनिवार की सुबह जागरण टीम ने जिला पुरूष अस्पताल व जिला महिला अस्पताल का जायजा लेते हुए मरीजों से उनकी समस्याएं जानीं। सीन एक: सुबह 08:53 बजे

डाक्टर के इंतजार में बैठे मरीज

भूतल पर डाक्टरों के कक्षों के बाहर दर्जन भर मरीज बैठे इंतजार करते दिखाई दिए। मरीजों ने बताया कि डाक्टर 10 बजे से पहले ओपीडी में नहीं आते हैं। भीड़भाड़ से बचने के लिए मरीज सुबह आठ बजे से आना शुरू हो जाते हैं लेकिन डाक्टरों की लेटलतीफी के कारण उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ता है। सीन दो: सुबह 08:57 बजे

फिजीशियन मिले मौजूद

टीम ने भूतल पर स्थित डाक्टरों के कक्षों का निरीक्षण किया तो कक्ष संख्या तीन में फिजीशियन डा. रमाकांत सागर मरीजों को देखते मिले। सीन तीन: सुबह 08:57 बजे

सर्जन की कुर्सी खाली, अन्य डॉक्टर भी नदारद भूतल पर बने ओपीडी कक्षों में जनरल सर्जन, बाल रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ डाक्टर बैठते हैं। निरीक्षण के दौरान जनरल सर्जन डा. आरएस यादव, डा. पीके अग्रवाल, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. संजीव सक्सेना, डा. जीएस त्रिपाठी, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. बीएस यादव गैरहाजिर मिले। हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. संजीव सक्सेना सुबह 9 बजे अस्पताल में उपस्थित हुए जिसके बाद भर्ती मरीजों को देखने वार्ड में गए। इसी तरह डा. बीएस यादव भी वार्ड में भर्ती मरीजों को देखते मिले। दोनों डाक्टरों ने 09:30 बजे ओपीडी कक्ष में आकर मरीजों को देखना शुरू किया। सीन चार: सुबह 09:01 बजे

नेत्र रोग विशेषज्ञ का कमरा बंद

भूतल पर निरीक्षण के बाद जागरण टीम प्रथम तल पर पहुंची तो वहां भी कमोबेश वही स्थिति देखने को मिली। नेत्र रोग विशेषज्ञ के ओपीडी कक्ष बंद पाए गए। नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. सुरभि व डॉ. एसके चावला समेत स्टाफ नदारद मिला। नेत्र परीक्षण अधिकारी पीपी सिंह अस्पताल में उपस्थित मिले। सीन पांच: सुबह 09:05 बजे

इंतजार में बैठे रहे लोग

प्रथम तल पर ओपीडी पर बैठने वाले डॉक्टरों के इंतजार में मरीज बैठे रहे। मरीजों के अनुसार डाक्टरों के बैठने का कोई निश्चित समय नहीं है। इसमें कई मरीज त्वचा रोग विशेषज्ञ डा. एसपी सिंह का इंतजार कर रहे थे जोकि ओपीडी शुरू होने के कई घंटे बाद तक उपस्थित नहीं हुए। ऐसे में डाक्टरों के ओपीडी में बैठने के मनमर्जी रवैये के कारण कई मरीजों को बिना दिखाए वापस जाना पड़ा। ओपीडी से गायब मिले डाक्टर-

जनरल सर्जन डा. आरएस यादव, जनरल सर्जन डा. पीके अग्रवाल, नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. सुरभि सिंह, डा. एसके चावला, त्वचा रोग विशेषज्ञ डा. एसपी सिंह, हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. संजीव सक्सेना, बाल रोग विशेषज्ञ डा. बीएस यादव। ये रहे मौजूद-

फिजीशियन डा. रमाकांत सागर, सर्जन डा. नितिन मलिक, ईएनटी सर्जन डा. अनिल कुमार मिश्र, रेडियोलॉजिस्ट डा. जगदीश प्रसाद, एक्सरे टेक्नीशियन रामलखन गौतम, पैथोलाजी कक्ष में रमाशंकर गौतम व अन्य स्टाफ, नेत्र परीक्षण अधिकारी पीपी सिंह। मरीजों की बात--

डाक्टरों के आने का कोई समय निर्धारित नहीं है। सुबह आठ बजे से बैठे हैं। अभी तक डाक्टर उपस्थित नहीं हुए हैं। एक घंटे में दर्जन भर मरीज भी एकत्र हो चुके हैं। अब डॉक्टर आएंगे तो जल्दबाजी में सही से देखे बिना ही मरीजों को दवा लिखकर भेज देंगे। ऐसे में सही इलाज नहीं मिल पाता है व अस्पताल के कई चक्कर काटने पड़ते हैं।

- शारिक, नौगवां पकड़िया स्किन वाले डाक्टर को दिखाने आई हूं। बुधवार को आई थी लेकिन मौजूद नहीं मिले। परसों भी आई फिर भी नहीं ओपीडी में बैठे नहीं मिले। आज अस्पताल आए हुए एक घंटा हो चुका है लेकिन अभी तक डाक्टर नहीं आए हैं।

- भगवान वती, मरौरी मेरा पैर पका हुआ है। डंडा का सहारा लेकर अस्पताल तक आया हूं। सुबह आठ बजे से बैठा हूं लेकिन एक घंटा बाद तक डाक्टर नहीं आए हैं। डाक्टरों के समय से न बैठने के कारण मरीजों का काफी समय खराब होता है।

-रामदास, अमरिया पूरे स्टाफ को समय से उपस्थित होने के दिशानिर्देश दिए गए हैं। सुबह नौ बजे तक अधिकांश डाक्टर वार्ड में मरीजों को देखने जाते हैं। डाक्टर सुबह पहले वार्ड में रहेंगे, उसके बाद ओपीडी में मरीजों को देखने जाएंगे। अगर कोई डाक्टर या अस्पताल कर्मी समय से अस्पताल में ही उपस्थित नहीं हो रहा है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।

- डा. रतनपाल सिंह सुमन, सीएमएस, जिला पुरूष अस्पताल

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