पांच ग्रामीणों के घरों में मिला डेंगू का लार्वा
पीलीभीतजेएनएन जिला अस्पताल में बुखार पीड़ितों के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। मंगलवार को 217 मरीज बुखार के पहुंचे। इसके अलावा दर्जनों मरीज निजी अस्पताल में भर्ती होकर इलाज करा रहे हैं। उधर मलेरिया विभाग की टीम लगातार गांवों में भ्रमण करके डेंगू मच्छरों का लार्वा ढूंढकर नष्ट करने के अभियान में जुटी है। एक ग्राम प्रधान समेत पांच ग्रामीणों के घरों में डेंगू का लार्वा पाया है। लार्वा नष्ट करने के साथ ही पांचों लोगों को नोटिस जारी किए गए कि आगे फिर जांच में अगर लार्वा पाया जाता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पीलीभीत,जेएनएन : जिला अस्पताल में बुखार पीड़ितों के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। मंगलवार को 217 मरीज बुखार के पहुंचे। इसके अलावा दर्जनों मरीज निजी अस्पताल में भर्ती होकर इलाज करा रहे हैं। उधर, मलेरिया विभाग की टीम लगातार गांवों में भ्रमण करके डेंगू मच्छरों का लार्वा ढूंढकर नष्ट करने के अभियान में जुटी है। एक ग्राम प्रधान समेत पांच ग्रामीणों के घरों में डेंगू का लार्वा पाया है। लार्वा नष्ट करने के साथ ही पांचों लोगों को नोटिस जारी किए गए कि आगे फिर जांच में अगर लार्वा पाया जाता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मंगलवार को जिला अस्पताल में ओपीडी शुरू होते ही मरीजों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। दिन चढ़ने के साथ ही मरीजों की संख्या बढ़ने लगी। देखते ही देखते रजिस्ट्रेशन काउंटर के सामने मरीजों की कतार लग गई। पर्चा बनवाने के बाद मरीजों को चिकित्सकों के कक्षों में भी अपनी बारी आने का इंतजार करना पड़ा। इस दौरान एक फिजीशियन किसी कार्य से कुछ देर के लिए कक्ष से निकलकर बाहर चले गए। इस कारण मरीज इंतजार करते रहे। चिकित्सक से परीक्षण कराने और पर्चे पर लिखी दवाइयां पाने के लिए औषधि वितरण काउंटर पर भी लाइन लगी रही। लगभग आठ सौ मरीज पहुंचे, जिनमें 217 मरीज बुखार के रहे। उधर, जिला मलेरिया अधिकारी डीआर सिंह के नेतृत्व में डेंगू मच्छरों का लार्वा खोजने का अभियान भी जारी रहा। गांव पिपरिया कालोनी में टीम ने 133 घरों में भ्रमण कर जांच की। इनमें से ग्राम प्रधान नगीन शंकर, गोपाल माझी, अजय विश्वास, भूषण हलदर, श्रीपद विश्वास व समीर दास के घरों पर गड्ढों में भरे पानी में डेंगू का लार्वा पाया गया। इस पर विभाग की ओर से इन सभी को नोटिस जारी किया गया। लार्वा नष्ट कराने के साथ ही इन सभी परिवारों को हिदायत दी गई कि भविष्य में इस तरह से पानी न भरने दें। अगर अगली बार जांच में डेंगू का लार्वा पाया गया तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।