केंद्रीय गृहराज्यमंत्री की बर्खास्तगी की मांग पर गरजे किसान
पीलीभीतजेएनएन तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के साथ ही लखीमपुर खीरी में हुई हिसा के मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र उर्फ टेनी को बर्खास्त कर जेल भेजने की मांग करते हुए किसान संगठनों के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को कलक्ट्रेट परिसर स्थित कृषि भवन के सामने धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान भाजपा सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की गई। किसान नेताओं ने जिलाधिकारी के रवैये पर भी गंभीर सवाल उठाए। तकरीबन पांच घंटे के प्रदर्शन के बाद किसानों ने अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को ज्ञापन सौंपा। धरना प्रदर्शन के बीच कई बार पुलिस अधिकारियों से किसानों की नोकझोंक भी हुई।
पीलीभीत,जेएनएन : तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के साथ ही लखीमपुर खीरी में हुई हिसा के मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र उर्फ टेनी को बर्खास्त कर जेल भेजने की मांग करते हुए किसान संगठनों के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को कलक्ट्रेट परिसर स्थित कृषि भवन के सामने धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान भाजपा सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की गई। किसान नेताओं ने जिलाधिकारी के रवैये पर भी गंभीर सवाल उठाए। तकरीबन पांच घंटे के प्रदर्शन के बाद किसानों ने अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को ज्ञापन सौंपा। धरना प्रदर्शन के बीच कई बार पुलिस अधिकारियों से किसानों की नोकझोंक भी हुई।
कलक्ट्रेट परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। कई थानों की पुलिस को तैनात किया गया। संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान पर मंगलवार को पूर्वाह्न किसान संगठनों से जुड़े तमाम किसान यहां मंडी समिति परिसर में एकत्र हुए। जुलूस के रूप में नारेबाजी करते हुए कलक्ट्रेट पहुंचे, लेकिन कलक्ट्रेट के गांधी सभागार वाले गेट के भीतर पुलिस ने बैरीकेड लगाकर किसानों को रोक दिया। जिसके बाद किसानों ने नारेबाजी करते हुए कृषि भवन के सामने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कलक्ट्रेट परिसर में भारी पुलिस फोर्स बुलाकर तैनात किया गया। धरना स्थल पर आयोजित सभा में किसान नेताओं ने लखीमपुर खीरी की हिसा के लिए केंद्रीय गृहराज्यमंत्री अजय मिश्र को जिम्मेदार ठहराते हुए भाजपा सरकार पर उन्हें बचाने का आरोप लगाया। धारा 120 बी के तहत आरोपित बनाकर जेल भेजा जाए। साथ ही केंद्रीय मंत्रीमंडल से उन्हें बर्खास्त किया जाए। वक्ताओं ने बीते दिन पूरनपुर मंडी समिति परिसर में धान क्रय केंद्र पर किसान से आठ हजार रुपये की रिश्वत लेने के आरोपित विपणन सहायक को रात में छोड़ने के मामले पर जिला प्रशासन पर जमकर निशाना साधा। वक्ताओं ने जिलाधिकारी के रवैये पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रशासन और पुलिस किसानों के विरुद्ध मुकदमें दर्ज करने में जरा भी देर नहीं करती, लेकिन घूस लेते समय पकड़े जाने के बाद भी आरोपित के विरुद्ध अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है,जिससे जिला प्रशासन की नीयत साफ हो जाती है। कहा कि पराली जलाने के नाम पर किसानों पर मुकदमे थोपे जा रहे हैं, उनके शस्त्र लाइसेंस और पासपोर्ट निरस्त किए जा रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा भी इस मुद्दे पर अधिकारियों के विरुद्ध कानूनी लड़ाई लड़ेगा। इस मौके पर भाकियू टिकैत के जिलाध्यक्ष स्वराज सिंह, जिला उपाध्यक्ष मंजीत सिंह, भाकियू चढ़ूनी गुट के जिलाध्यक्ष जसविदर सिंह, भाकियू लोकशक्ति के जिलाध्यक्ष गुरदीप सिंह, सुखजीत सिंह, लालू मिश्र, रमेश मिश्र, प्यारेलाल वर्मा, संतोष यादव, घासीराम, संतराम, रणजीत सिंह, आनंद कुमार, गुरजाप सिंह, तरसेम सिंह, जीवनराम, जीवनलाल तथा सोहनलाल आदि तमाम किसान मौजूद थे। एडीएम वित्त को सौंपा ज्ञापन
कृषि भवन के सामने अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे धरना प्रदर्शन समाप्त कर किसान नेताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय की तरफ कूच करने की घोषणा कर दी। मौजूद पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों में खलबली मच गई। अधिकारियों ने उन्हें आगे जाने से मना कर दिया, जिसके बाद किसान नेताओं से नोकझोंक होने लगी। किसान नेताओं ने टेंट लगाकर आंदोलन करने की चेतावनी दी, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों को कलक्ट्रेट में जाने के लिए बैरीकेड हटा दिए गए। किसान नेताओं ने एडीएम वित्त कुंवर बहादुर सिंह को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन की सूचना पर चले गए डीएम
जिलाधिकारी पुलकित खरे मंगलवार को कलक्ट्रेट स्थित कार्यालय में मौजूद थे। किसानों का प्रदर्शन शुरू होने की सूचना मिलने पर वह कार्यालय से चले गए। जिलाधिकारी एस्कार्ट की बोलेरो प्रदर्शन के दौरान कृषि भवन वाले गेट पर पहुंच गई, लेकिन धरना प्रदर्शन देख वापस चली गई। प्रदर्शन के दौरान किसान नेता डीएम को बुलाने की मांग कर रहे थे।