मरीज की देखभाल में प्रोटोकॉल का ध्यान रखें तीमारदार
कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान मानक बनीं सभी प्रशासनिक व चिकित्सकीय व्यवस्थाएं इस दूसरी लहर में डगमगा चुकी हैं। दूसरी लहर में वायरस के बदले स्वरूप से मरीज व तीमारदारों को संभलने का मौका नहीं मिल रहा। तीमारदार अस्पतालों के बाहर मरीज को गोद में लिए पहुंचते दिखाई दे रहे हैं। प्रियजन की जान बचाने की जिद्दोजहद में तीमारदार मास्क सैनिटाइजर व शारीरिक दूरी का पालन करना भूल जाते हैं।
पीलीभीत,जेएनएन: कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान मानक बनीं सभी प्रशासनिक व चिकित्सकीय व्यवस्थाएं इस दूसरी लहर में डगमगा चुकी हैं। दूसरी लहर में वायरस के बदले स्वरूप से मरीज व तीमारदारों को संभलने का मौका नहीं मिल रहा। तीमारदार अस्पतालों के बाहर मरीज को गोद में लिए पहुंचते दिखाई दे रहे हैं। प्रियजन की जान बचाने की जिद्दोजहद में तीमारदार मास्क, सैनिटाइजर व शारीरिक दूरी का पालन करना भूल जाते हैं। ऐसे में संक्रमित मरीज के संपर्क में आने से तीमारदारों में संक्रमण फैलने की आशंका बढ़ गई है।
पहली लहर के दौरान संक्रमित मरीज को ट्रेस कर एंबुलेंस से कोविड अस्पताल तक भिजवाया जाता था। इस दौरान मास्क, सैनिटाइजेशन व शारीरिक दूरी का याल रखा जाता था। दूसरी लहर में हालत बिगड़ने पर रिस्पांस टाइम कम होने की वजह से मरीजों को तीमारदार निजी साधनों से लेकर अस्पताल दौड़ पड़ते हैं। अस्पताल में भर्ती कराने से लेकर मरीज की देखभाल के लिए तीमारदार वार्ड में जाते रहते हैं। एलटू कोविड अस्पताल में अक्सर तीमारदारों का सामान्य अस्पतालों की तरह वार्ड में आना जाना व संक्रमित मरीज के पास बैठना बना रहता है। वही तीमारदार वापस घर जाते हैं व अन्य लोगों से मिलते हैं जिससे वायरस अन्य लोगों तक भी अपनी पहुंच बना लेता है। इस वजह से संक्रमण की रफ्तार बढ़ रही है। देखभाल के साथ सावधानी जरूरी जिला प्रतिरक्षण अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. चंद्र मोहन चतुर्वेदी के अनुसार लोगों में जागरूकता का अभाव देखने को मिल रहा है। तीमारदार कोविड-19 प्रोटोकॉल को नजरअंदाज कर जानबूझकर संक्रमित मरीज के संपर्क में आ रहे हैं। ऐसे में संक्रमण की दर बढ़ने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। ध्यान रखें अगर आपके मरीज की रिपोर्ट निगेटिव है व उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही है या उसके फेफड़ों में संक्रमण पाया गया है तो उसके साथ भी कोविड-19 प्रोटोकॉल का ही पालन करें। बहुत ज्यादा जरूरी हो तभी संक्रमित के पास जाएं। डबल मास्क, ग्लब्स, हेड कवर, फेस शील्ड व सैनिटाइजर का प्रयोग करें। अगर किसी संक्रमित के संपर्क में आ रहे हैं तो लगातार तीन दिन 12 मिलीग्राम की आइवरमेक्टिन टेबलेट खाएं। सुबह शाम गर्म पानी की भाप लें। कोई लक्षण दिखते ही जांच कराएं। रिपोर्ट का इंतजार किए बिना इलाज शुरू कराएं।