लोग खुद कराएं जांच, तभी बनेगी बात

कोरोना संक्रमण की धीमी पड़ती रफ्तार आशा की किरण जगा रही है। कोरोना के मामलों में बीते कई दिनों से कमी देखने को मिल रही है। इसके साथ ही कोरोना संक्रमण से उबरकर स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 11:26 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 11:26 PM (IST)
लोग खुद कराएं जांच, तभी बनेगी बात
लोग खुद कराएं जांच, तभी बनेगी बात

पीलीभीत,जेएनएन: कोरोना संक्रमण की धीमी पड़ती रफ्तार आशा की किरण जगा रही है। कोरोना के मामलों में बीते कई दिनों से कमी देखने को मिल रही है। इसके साथ ही कोरोना संक्रमण से उबरकर स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। दोनों सकारात्मक पहलुओं के बीच भी स्वास्थ्य विभाग की चिताएं समाप्त नहीं हुई हैं। कोरोना संक्रमण से होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ना विभागीय अधिकारियों की चिता का कारण बना हुआ है। जनपद में 62 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है।

कोरोना संक्रमण से होने वाली मौतों में अधिकांश मौतें अन्य रोगों से बीमार रहे लोगों की हैं। इसके अलावा लोग कई दिनों तक बुखार, खांसी, जुकाम या अन्य लक्षणों को छिपाते रहते हैं जिस कारण भी गंभीर स्थिति में पहुंच जाते हैं। ऐसे लोगों में जागरूकता का अभाव या कोरोना गाइडलाइन का अधूरा ज्ञान देखने को मिलता है। ये लोग झोलाछाप व निजी अस्पतालों में इलाज कराते रहते हैं,लेकिन सरकारी स्वास्थ्य केंद्र जाकर जांच कराने से कतराते रहते हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमों को भी कई बार ऐसी स्थितियों का सामना करना पड़ता है। सर्वे के दौरान टीमें अगर लोगों से उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछती हैं तो लोग घरों से बाहर ही नहीं निकलते। अगर निकलते भी हैं तो जानबूझकर रोग छिपा लेते हैं।

ऐसे लोगों में संक्रमण का असर तेजी से गंभीर होता चला जाता है। हालत गंभीर होने पर लोगों को कोरोना जांच की सुध आती है लेकिन ऐसे में मरीज नाजुक स्थिति तक पहुंच जाता है। इन्हीं में से कुछ मरीजों की मौत भी हो जाती है। जनपद में अब तक 34 ऐसे मरीज सामने आ चुके हैं जो कई दिनों तक इधर-उधर इलाज कराते रहे और हालत अत्यंत गंभीर होने पर जांच कराने पहुंचे। कुछ ने रिपोर्ट आने से पहले ही दम तोड़ दिया तो कुछ ने इलाज के दौरान अंतिम सांस ली। स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे लोगों को महामारी की गंभीरता समझते हुए स्वयं आगे आने की अपील की है। सीएमओ डॉ. सीमा अग्रवाल ने कहा कि लोगों को जिम्मेदारी के साथ अपने व अपने परिजनों की सुरक्षा के लिए जांच कराने को प्राथमिकता देनी चाहिए। स्वास्थ्य विभाग की टीमों से रोग छिपाने का प्रयास न करें। कोई लक्षण या संदेह महसूस होता है तो तुरंत सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर कोरोना जांच कराएं।

आंकड़ों में कोरोना

एसीएमओ डॉ. सीएम चतुर्वेदी ने बताया कि जनपद का पॉजिटिविटी रेट व रिकवरी रेट राज्य के औसत रेट से बेहतर है। पॉजिटिविटी रेट कम होने व रिकवरी रेट बढ़ने से डेथ रेट में बढ़ोतरी होती है।

कुल संक्रमित- 3457

पॉजिटिविटी रेट- 3.28

स्वस्थ मरीज- 3152

रिकवरी रेट- 91.17

मौतें- 62

डेथ रेट- 1.79

कई लोगों में मर्ज छिपाने की प्रवृत्ति देखी गई है। कई दिनों तक झोलाछाप या इधर-उधर इलाज कराते रहते हैं लेकिन सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर कोरोना जांच नहीं कराते। ऐसे मरीज ही गंभीर स्थितियों का सामना करते हैं। लोगों को जिम्मेदारी के साथ सामने आकर जांच करानी चाहिए। कोई समस्या होने पर सीधे मुझे सूचित करें।

- डॉ. सीमा अग्रवाल, सीएमओ

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