पीलीभीत में सड़कें दुरुस्त कराने पर मिलेगा ठेकेदारों को भुगतान
जल निगम के ठेकेदार अब अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं पाएंगे। जलापूर्ति को शहर के प्रमुख मार्गों व मुहल्लों की गलियों में भूमिगत पाइप लाइन डालने के बाद ठेकेदारों को सड़क की मरम्मत करानी होगी। तभी उन्हें भुगतान मिल सकेगा।
पीलीभीत, जेएनएन : जल निगम के ठेकेदार अब अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं पाएंगे। जलापूर्ति को शहर के प्रमुख मार्गों व मुहल्लों की गलियों में भूमिगत पाइप लाइन डालने के बाद ठेकेदारों को सड़क की मरम्मत करानी होगी। तभी उन्हें भुगतान मिल सकेगा। ठेकेदारों ने खोदी सड़कों, गलियों को फिर से वैसा ही बनाने के बजाय रोड़ा, मिट्टी डालकर पाट दिया था। बरसात में मिट्टी व गिट्टी धंस गई तो सड़कें बदरंग दिखने लगीं।
शासन की अमृत योजना में शहर में जलापूर्ति को दो नए ओवरहेड टैंक, नलकूपों के निर्माण के साथ ही प्रमुख मार्गों से लेकर मुहल्लों की गलियों तक में भूमिगत पाइप लाइनें डालीं। पाइप डालने के बाद खोदी सड़क की समुचित ढंग से मरम्मत नहीं कराई। ज्यादातर स्थानों पर खोदी गई सड़क को गिट्टी, मिट्टी डालकर पाट दिया गया। यह मामला नगर पालिका बोर्ड की बैठकों में कई बार सभासदों ने उठाया। फिर भी समुचित ढंग से मरम्मत कराने पर ध्यान नहीं दिया गया। सड़कों, गलियों की समुचित ढंग से मरम्मत नहीं कराए जाने के कारण रात में अक्सर लोग दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। दो दिन पहले सांसद वरुण गांधी ने नगर पालिका परिषद के सभासदों के साथ बैठक की। उसमें जिलाधिकारी पुलकित खरे भी मौजूद रहे। उसी दौरान सभासदों की ओर से कार्यदायी संस्था जल निगम के ठेकेदारों की लापरवाही का मामला उठाया। इस पर डीएम ने कहा कि खोदी गईं सड़कों, गलियों की जब तक ठेकेदार समुचित ढंग से मरम्मत नहीं करा देते, तब तक उन्हें उनके द्वारा कराए गए कार्यों का भुगतान नहीं मिलेगा। डीएम ने बैठक के बाद आदेश भी जारी कर दिए। इनसेट
अमृत योजना से जो भी कार्य जल निगम करा रहा हैं। उनका भुगतान नगर पालिका को करना है। ऐसे में जल निगम को तब तक भुगतान नहीं होगा, जब तक उनके ठेकेदार सड़कों, गलियों की सही ढंग से मरम्मत नहीं करा देते। डीएम ने इसके लिए आदेश दिए हैं।
सुरेंद्र प्रताप, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद