बारिश और हवाओं से खेतों में गिरी फसल
गेहूं की फसल खराब होने की आशंका - मझोला अमरिया पूरनपुर और बीसलपुर क्षेत्र में अधिक नुकसान - आज भी उमडें़गे बादल रविवार को फिर बारिश की संभावना फोटो-21पीआइएलपी-91011
जागरण संवाददाता, पीलीभीत : बेमौसम की बारिश के साथ चली हवाओं के कारण अनेक स्थानों पर गेहूं और लाही की फसलें खेतों में गिर गईं। अन्नदाता के माथे पर चिता की लकीरें खिच गई हैं। किसानों को फसल खराब होने की आशंका सताने लगी है। देर रात से ही मौसम का मिजाज बदल गया। आसमान पर घने बादल छा गए। बिजली की गड़गड़ाहट के बीच बारिश होने लगी। रुक रुक कर बारिश होने का सिलसिला सुबह तक चलता रहा। सुबह बारिश के बीच कहीं-कहीं हल्की ओलावृष्टि भी हो गई। मौसम विभाग के अनुसार शनिवार को भी आसमान पर बादल उमड़ेंगे। रविवार को फिर बारिश होने की संभावना है।
गुरुवार की रात करीब 11 बजे आसमान पर काले बादल उमड़ने लगे। साथ ही तेज गड़गड़ाहट के साथ आकाशीय बिजली कड़कने लगी। इसके कुछ देर बाद ही बारिश शुरू हो गई। हालांकि बारिश का रुख हल्का ही रहा लेकिन सुबह तक रुक रुककर बारिश होती रही। इस दौरान हवाएं भी चल पड़ीं। वातावरण में ठंड फिर बढ़ गई। साथ ही मझोला, अमरिया, पूरनपुर और बीसलपुर क्षेत्र में गेहूं और लाही की फसलें खेतों में गिर गईं। फसलें खराब होने की आशंका पैदा हो गई है। सुबह करीब साढ़े नौ बजे बादलों को चीरकर सूर्यदेव चमके लेकिन उनकी चमक ज्यादा देर तक बरकरार नहीं रह सकी, क्योंकि बादलों ने फिर सूर्य को अपनी ओट में ले लिया। दोपहर में बादल छंटे, तब धूप खिली। हालांकि बादल भी उमड़ते घुमड़ते रहे लेकिन बारिश नहीं हुई। राजकीय कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. शैलेंद्र सिंह ढाका ने पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के हवाले से बताया कि बारिश के साथ ही कहीं-कहीं हल्की ओलावृष्टि हो जाने से अधिकतम तापमान में कमी आई है लेकिन न्यूनतम तापमान यथावत रहा। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को अधिकतम तापमान 22.3 डिग्री तथा न्यूनतम 11.2 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। उन्होंने बताया कि शनिवार को भी बादल उमड़ते रहेंगे और रविवार को फिर बारिश होने की संभावना है। ऐसे बचाएं खेतों में गिरी फसल
बारिश के दौरान तेज हवा चलने से गेहूं की वह फसल कई जगह खेतों में गिर गई, जिसके पौधे काफी बड़े हो चुके थे और बालियां भी निकल आई थीं। ऐसे में प्रभावित किसानों को सबसे पहले तो अगर उनके खेतों में पानी भर गया है तो सबसे पहले उसे निकाल दें। जब नमी कम हो जाए तो गिरे हुए पौधों को एक-दूसरे से बांधते हुए खड़ा कर दें। फसल खराब होने से बच जाएगी। कहीं कहीं लाही की फसल भी खेतों में गिर गई है, लेकिन उसके लिए ज्यादा चिता करने की जरूरत नहीं है। लाही लगभग पक चुकी है। ऐसे में पौधे गिर जाने से कोई खास नुकसान नहीं होगा।
-डॉ. शैलेंद्र सिंह ढाका, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक
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