गलत साबित हुए आरटीई से प्रवेश के आंकड़े

पीलीभीतजेएनएन बीएसए कार्यालय की तरफ से शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के अंतर्गत निश्शुल्क प्रवेश पर प्रस्तुत किए गलत आंकड़ों की तस्वीर साफ हो गई है। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आरटीई में लगभग शत प्रतिशत प्रवेश दिखाकर रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी। गुरुवार को मुख्य विकास अधिकारी प्रशांत कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हुई बीएसए और विद्यालय प्रबंधकों की बैठक में यह आंकड़े गलत साबित हुए। सीडीओ ने बीएसए को सभी विद्यालयों से रिकार्ड मंगाने के आदेश दिए जिसके बाद शुक्रवार को शहर स्थित विद्यालयों द्वारा आरटीई प्रवेश संबंधी आंकड़े नगर शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा कराए गए।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 09 Oct 2021 12:22 AM (IST) Updated:Sat, 09 Oct 2021 12:22 AM (IST)
गलत साबित हुए आरटीई से प्रवेश के आंकड़े
गलत साबित हुए आरटीई से प्रवेश के आंकड़े

पीलीभीत,जेएनएन: बीएसए कार्यालय की तरफ से शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के अंतर्गत निश्शुल्क प्रवेश पर प्रस्तुत किए गलत आंकड़ों की तस्वीर साफ हो गई है। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आरटीई में लगभग शत प्रतिशत प्रवेश दिखाकर रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी। गुरुवार को मुख्य विकास अधिकारी प्रशांत कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हुई बीएसए और विद्यालय प्रबंधकों की बैठक में यह आंकड़े गलत साबित हुए। सीडीओ ने बीएसए को सभी विद्यालयों से रिकार्ड मंगाने के आदेश दिए , जिसके बाद शुक्रवार को शहर स्थित विद्यालयों द्वारा आरटीई प्रवेश संबंधी आंकड़े नगर शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा कराए गए।

आंकड़ों के अनुसार शहर स्थित निजी विद्यालयों में आरटीई के माध्यम से प्रवेश के लिए कुल 426 बच्चों का चयन हुआ था जिसमें से केवल 264 बच्चों को ही प्रवेश मिल सका। नगर क्षेत्र में शेष 162 बच्चों का चयन निरस्त कर दिया गया। निरस्त चयन को भी बीएसए कार्यालय द्वारा प्रवेश होना दिखाकर रिपोर्ट भेजी गई थी। कई विद्यालयों ने चयनित बच्चों का निवास विद्यालय क्षेत्र के वार्ड में न होने के कारण चयन निरस्त कर दिया था।

दैनिक जागरण द्वारा आरटीई प्रवेश प्रक्रिया में हुई गलत आंकड़ेबाजी व सभी चयनित बच्चों को प्रवेश न मिलने का मुद्दा प्रमुखता से प्रकाशित किया। मुख्य विकास अधिकारी ने मामले का संज्ञान लेते हुए बीएसए को स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए। इसमें कई विद्यालयों द्वारा नियमों का हवाला देकर प्रवेश न देने की बात सामने आई, जिस पर सीडीओ ने विद्यालय प्रबंधकों को बुलाकर बैठक की। बैठक में प्रबंधकों को समस्याएं सुनकर चयनित बच्चों को आरटीई का लाभ सुनिश्चित कराने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। चयनितों को उनके वार्ड का मिलेगा विद्यालय: निजी विद्यालय प्रबंधक वार्ड के बाहर के बच्चों के प्रवेश हेतु समान वितरण की व्यवस्था बनाने हेतु मांग कर रहे थे। सीडीओ ने उनकी समस्या सुनते हुए वार्ड के बाहर के चयनित बच्चों को उनके वार्ड में स्थित निजी विद्यालय में प्रवेश देने के निर्देश दिए। अब चयनित बच्चों को उनके वार्ड में स्थित विद्यालय में प्रवेश दिलाया जाएगा। इसके बाद भी अगर कोई बच्चा प्रवेश के लिए शेष बचेगा तो उसको पड़ोस के वार्ड में स्थित विद्यालय में आरटीई के अंतर्गत प्रवेश दिलाया जाएगा। सीडीओ ने सप्ताह भर में प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने के आदेश दिए हैं। इनसेट--

शहर के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी वंचित

सीडीओ की बैठक के बाद शहर के वंचित बच्चों को प्रवेश मिलने की उम्मीद प्रबल हो गई है लेकिन शहर के अलावा अन्य विकास खंडों में प्रवेश से वंचित बच्चों के लिए कोई आदेश नहीं दिया गया है। बीसलपुर, अमरिया, पूरनपुर, बिलसंडा आदि कई क्षेत्रों में चयनित बच्चों को प्रवेश नहीं मिल पा रहा है। ऐसे बच्चों को भी नगर क्षेत्र में लागू की गई व्यवस्था का लाभ दिया जाना चाहिए। सीडीओ के आदेश पर निजी विद्यालयों से आंकड़े एकत्र कराए गए हैं। अलग वार्ड वाले चयनित बच्चों को प्राथमिकता के आधार पर उनके वार्ड में स्थित विद्यालय में प्रवेश दिलाया जाएगा। अगर उस वार्ड में कोई स्कूल नहीं है या विद्यालय में सीट शेष नहीं है, तो पड़ोस में स्थित विद्यालय में प्रवेश दिलाकर आरटीई का लाभ दिया जाएगा। सभी चयनित बच्चों को प्रवेश मिलना सुनिश्चित करेंगे।

- चंद्रकेश सिंह, बीएसए

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