नेपाल सीमा पर भी छठ पूजा का उल्लास

छठ महापर्व का 36 घंटे का निर्जला व्रत नहाय खाय के साथ शुरू हो गया है। शुक्रवार को व्रतधारी महिलाएं अस्ताचलगामी सूर्यदेव को अ‌र्घ्य देंगी। शनिवार को प्रात उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य देने के बाद व्रत का पारायण किया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 20 Nov 2020 12:07 AM (IST) Updated:Fri, 20 Nov 2020 12:07 AM (IST)
नेपाल सीमा पर भी छठ पूजा का उल्लास
नेपाल सीमा पर भी छठ पूजा का उल्लास

पीलीभीत,जेएनएन : छठ महापर्व का 36 घंटे का निर्जला व्रत नहाय खाय के साथ शुरू हो गया है। शुक्रवार को व्रतधारी महिलाएं अस्ताचलगामी सूर्यदेव को अ‌र्घ्य देंगी। शनिवार को प्रात: उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य देने के बाद व्रत का पारायण किया जाएगा।

नेपाल सीमावर्ती हजारा क्षेत्र में पूर्वांचल के लोगों के कई गांव बसे हुए हैं। रमनगरा और घुंघचाई चौकी क्षेत्र के पीलीभीत टाइगर रिजर्व से सटी हुई पूर्वांचल के लोगों की 11 कालोनियां बसी हुई है। छठ पर्व को लेकर व्यापक तैयारियां पहले से ही शुरू हो गई थी। तालाब, पोखर, नहर और नदी किनारे बनी छठ वेदियों की साफ सफाई और रंगाई पुताई का काम पूरा पहले ही पूरा किया जा चुका है। गुरुवार की शाम को महिलाओं ने नहाए खाए के साथ 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू कर दिया है। शुक्रवार को व्रतधारी महिलाएं नए परिधानों को पहनकर छठ वेदियों पर सूर्य को अ‌र्घ्य देंगी। इन क्षेत्रों में पर्व का उल्लास देखते ही बन रहा है। देर शाम महिलाओं का परिवार, पुत्र, पति की सलामती के लिए निर्जला व्रत शुरू हो गया।

पर्व को लेकर तहसील प्रशासन अलर्ट

ट्रांस शारदा क्षेत्र में छठ पर्व को लेकर प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। गुरुवार को उपजिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद ने हजारा थाना क्षेत्र के गांव मौरनिया तिराहा, राणाप्रतापनगर, अशोकनगर, शास्त्रीनगर समेत कई गांवों में पहुंचकर स्थापित छठ वेदी स्थलों का निरीक्षण किया। लोगों को तमाम बिदुओं पर जानकारी दी। छठ पूजा कार्यक्रम में कोविड-19 सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करने का भी निर्देश दिया।

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छठ का पर्व हमेशा ही परिवार के लोग बेहद उल्लास के साथ मनाते आ रहे हैं। यह पर्व अपने आप में अनूठा है।

कलावती

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इस पर्व पर डूबते और उगते हुए सूर्य की उपासना की जाती है। पर्व से बेहद शांति मिलती है। धार्मिक कार्यक्रम भी होते हैं।

लालती देवी

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पति, बेटे और परिवार की खुशहाली के लिए इस त्योहार को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। पूर्वजों से इस पर्व पर व्रत रखने की प्रेरणा मिली है।

दुलारी देवी

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महिलाएं 36 घंटे का निर्जला व्रत रखकर सूर्य भगवान की उपासना करती हैं। इस पर्व को सभी बड़े ही प्रेम पूर्वक तरीके मनाते हैं।

पानमती शर्मा

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