खरना के साथ 36 घंटे का निर्जल उपवास शुरू

तराई के जिले में छठ पूजा की धूम शुरू हो चुकी है। व्रती महिलाओं ने खरना के साथ 36 घंटे का उपवास शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 12 Nov 2018 11:33 PM (IST) Updated:Mon, 12 Nov 2018 11:33 PM (IST)
खरना के साथ 36 घंटे का निर्जल उपवास शुरू
खरना के साथ 36 घंटे का निर्जल उपवास शुरू

पीलीभीत : तराई के जिले में छठ पूजा की धूम शुरू हो चुकी है। व्रती महिलाओं ने खरना की रस्म पूरी करने के उपरांत अगले 36 घंटों के लिए निर्जल उपवास शुरू कर दिया है। मंगलवार को सायं नदी, तालाब, सरोवर के जल में खड़े होकर व्रती महिलाएं अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य देकर परिवार में सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करेंगी।

सोमवार को शहर से सटे गांव बरहा स्थित छठ पूजा स्थल पर पूरे दिन तैयारियां चलती रहीं। सरोवर तट के चारों ओर झंडियां लगाकर सजावट की जा रही है। सरोवर में भरा पुरानी पानी पं¨पग सेट के माध्यम से बाहर निकाल दिया गया। निकट ही स्थापित की गई बो¨रग से ताजा पानी सरोवर में भरा जा रहा है, जिससे पवित्रता बनी रहे। रेलवे कॉलोनी के साथ ही निकट के अन्य स्थानों पर बिहार और पूर्वांचल के रहने वाले लोग छठ पूजा की तैयारी में उत्साह से जुड़े हुए हैं। जिन महिलाओं ने छठ पर व्रत रखने का संकल्प ले रखा है, उन्होंने तामसी भोजन तो रविवार को ही छोड़ दिया था। सोमवार को पूरे दिन उपवास रखने के बाद व्रती महिलाओं ने रात में खरना (चावल, गुड़ अथवा गन्ने के रस से बनी खीर) प्रसाद के तौर पर ग्रहण करने के साथ आगामी 36 घंटे के लिए अनवरत निर्जल उपवास का संकल्प ले लिया। ये सभी व्रती महिलाएं मंगलवार को भी पूरे दिन उपवास पर रहेंगी। सायं को सरोवर के जल में उतरकर वे अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य देंगी। इसके बाद बुधवार को प्रात: इसी सरोवर पर पहुंचकर जल में खड़े होकर उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारायण होगा। हर साल छठ पूजा पर बेदी और सरोवर के तट पर सफाई का काम करता हूं। इससे भी पुण्य मिलता है। वैसे तो नोयडा में नौकरी कर रहा हूं लेकिन हर साल छठ पूजा पर यहां जरूर आ जाता हूं। मेरी मां हर साल छठ पर व्रत रखकर पूजन करती हैं।

पवन कुमार, रामनगर कॉलोनी

पांच साल पहले मेरी सास ने छठ मइया का व्रत मुझे दे दिया। इससे पहले वही व्रत रहा करती थीं। अब वह काफी बुजुर्ग हो गई हैं। मुझे यह व्रत विरासत में मिला है। छठ पूजा करके आत्म शांति मिलती है। छठ मइया पूरे साल परिवार को खुशहाल रखती हैं।

पूनम कामती, रामनगर कॉलोनी

मैंने तो इसी साल से छठ पर्व पर व्रत रखना शुरू किया है। मुझे भी मेरी सास ने यह व्रत उपहार में दिया है। पहली बार व्रत रखने पर बहुत खुशी हो रही है। अभी पहले मां के साथ छठ पूजा का आनंद लेती थी। शादी हो जाने के बाद ससुराल में सास को यह व्रत रखते हुए देखती थी।

अर्चना देवी, रामनगर कॉलोनी

पिछले पंद्रह साल से छठ पूजा की तैयारियों में भागीदारी निभा रहे हैं। मां इस व्रत को रखती हैं। पूजन के लिए उनकी सारी तैयारी करने में सहयोग करता हूं। यहां सरोवर तट पर छठ पूजन सामूहिक तौर पर किया जाता है। छठ मइया सभी का कल्याण करती हैं।

दिलीप कुमार, रेलवे कॉलोनी

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