धान के बाद अब गन्ना तौल कराने की मशक्कत
किसानों को पहले धान बेचने के लिए जूझना पड़ा और अब गन्ना की तौल कराने में मशक्कत करनी पड़ रही है।
पीलीभीत,जेएनएन : किसानों को पहले धान बेचने के लिए जूझना पड़ा और अब गन्ना की तौल कराने में मशक्कत करनी पड़ रही है।
क्षेत्र में बजाज चीनी मिल मकसूदापुर के 10 सेंटर हैं। एक सेंटर शाहजहांपुर की निगोही की चीनी मिल की ओर से लगाया गया है लेकिन गन्ना तौल की स्थिति सही न होने पर किसान परेशान हो रहे हैं। किसानों को समय से पर्चियां भी उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। जो एसएमएस से पर्ची जारी की जा रही है, उसको लेकर भी किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई लोगों के नंबर गलत हो जाने से एसएमएस नहीं मिल रहे। हालांकि इसके लिए गन्ना विभाग की ओर से एक एप लांच किया गया है। जिसमें किसान अपने मोबाइल से खुद ही अपना मोबाइल नंबर बदल सकता है लेकिन क्षेत्र में सभी किसान इतने जागरूक नहीं हैं, इसीलिए उन्हें इस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें किसी इंटरनेट कैफे का सहारा लेना पड़ता है या फिर किसी उस व्यक्ति का जो इंटरनेट चलाने में अच्छी जानकारी रखता हो। सेंटरों से गन्ना ढुलाई के लिए ट्रैक्टर ट्राला और ट्रक लगाए गए हैं। वे ओवरलोड गन्ना भरकर ले जाते हैं। राहगीरों को खतरा बना रहता है। जिला गन्ना अधिकारी जितेंद्र कुमार मिश्र का कहना है कि पर्ची सिस्टम किसानों की सुविधा के अनुरूप लागू किया गया है। सेंटरों की व्यवस्था का निरीक्षण किया जा रहा है। किसान संजय कुमार कहते हैं कि पर्ची कम निकल रही है। जिससे हम किसानों की आगे की फसल पर असर पड़ रहा है। पेड़ी गन्ना काटने के बाद ही गेहूं बो सकते हैं। किसान चेतराम का कहना है अब केवल पर्ची का मैसेज आता है। कई बार नंबर बदल जाने से पर्ची जारी होने की सूचना प्राप्त नहीं हो पाती है। किसान भूपराम का कहना है कि सेंटर पर गन्ना तौल करने में अनावश्यक देरी की जाती है, इससे समय की बर्बादी होती है।