बिलंदपुर अशोक क्रय केंद्र पर नहीं सुधर रही व्यवस्था

बिलंदपुर अशोक क्रय केंद्र पर धान खरीद को लेकर अव्यवस्थाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। प्रशासनिक अमले के निरीक्षण कर सख्त हिदायत देने के बाद खरीद में सुधार नहीं हो पा रहा है। इसके चलते किसान बेहद परेशान और हताश नजर आ रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 11:31 PM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 11:31 PM (IST)
बिलंदपुर अशोक क्रय केंद्र पर नहीं सुधर रही व्यवस्था
बिलंदपुर अशोक क्रय केंद्र पर नहीं सुधर रही व्यवस्था

पीलीभीत,जेएनएन: बिलंदपुर अशोक क्रय केंद्र पर धान खरीद को लेकर अव्यवस्थाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। प्रशासनिक अमले के निरीक्षण कर सख्त हिदायत देने के बाद खरीद में सुधार नहीं हो पा रहा है। इसके चलते किसान बेहद परेशान और हताश नजर आ रहे हैं।

दो दिन पहले एसडीएम और तहसीलदार ने बिलंदपुर अशोक में लगे खाद्य विभाग के क्रय केंद्र का निरीक्षण किया था। उन्होंने किसानों के धान को नंबर के अनुसार पूरी पारदर्शिता के साथ तौल कराने के लिए कहा था। उनके जाने के बाद तौल तो की गई। इसके बाद फिर वही हाल हो गया। किसानों ने बताया कि क्रय केंद्र पर धान के ढेर लगे हुए हैं लेकिन उनकी तौल नहीं की जा रही है। कई किसान परेशान होकर अपने धान भरकर घर वापस ले जा चुके हैं। अधिकारियों के निरीक्षण के बाद भी व्यवस्था में कोई सुधार न होने से किसान परेशान हैं। किसानों ने शीघ्र ही तौल शुरू कराए जाने की मांग की है। सेंटर इंचार्ज महिला पाल गंगवान ने बताया कि क्रय केंद्र पर सुचारू रूप से तौल की जा रही है। जो किसान धान तौल न होने का आरोप लगा रहे हैं वह बिना डस्टर और पंखा लगाए बिक्री कर दबाब बना रहे हैं। सभी किसानों के धान की खरीद की जा रही है।

कई दिनों से सेंटर पर धान बेचने के लिए चक्कर लगा रहा हूं। कभी बारदाना नहीं है तो कभी इंचार्ज नहीं हैं। जैसे तैसे गेहूं की बुवाई कर पाई है। परेशान होकर धान घर ले आया हूं। धान बिक्री को लेकर काफी दिक्कत है।

मूंगालाल

15 दिनों से धान क्रय केंद्र पर पड़ा है। रात दिन सेंटर पर ही रहकर रखवाली कर रहा हूं। इसके बावजूद भी अभी तक नंबर नहीं आया है। बारदाना न होने की बात कह कर हर रोज टरका दिया जाता है। परेशान होकर धान घर ले आया हूं।

रूपराम

क्रय केंद्र पर आजकल कर के कई दिनों से तौला नहीं की जा रहा है। केंद्र पर लेखपाल तक नहीं है। किसानों का दर्द सुनने वाला क्रय केंद्र पर कोई नहीं है। किसान बेहाल हैं।

निर्मल सिंह

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