तराई में बढ़ी शीतलहर, दो दिन और रहेगी ठिठुरन
तराई के जिले में शीतलहर बढ़ गई है। अगले दो दिन तक मौसम का मिजाज ऐसा ही रहने की संभावना जताई गई है। रविवार की सुबह देर तक वातावरण में घना कोहरा छाया रहा। इस दौरान आसमान से कोहरे की बूंदें टपकती रहीं। बर्फीली हवाओं ने ठिठुरन काफी बढ़ा दी जिससे जनजीवन खासा प्रभावित रहा।
पीलीभीत,जेएनएन : तराई के जिले में शीतलहर बढ़ गई है। अगले दो दिन तक मौसम का मिजाज ऐसा ही रहने की संभावना जताई गई है। रविवार की सुबह देर तक वातावरण में घना कोहरा छाया रहा। इस दौरान आसमान से कोहरे की बूंदें टपकती रहीं। बर्फीली हवाओं ने ठिठुरन काफी बढ़ा दी, जिससे जनजीवन खासा प्रभावित रहा।
तराई के जिले में शनिवार की पूरी रात पाला गिरता रहा। रविवार को सुबह जब लोग सोकर उठे तो वातावरण में घना कोहरा छाया दिखा। पिछले तीन से तो सुबह का कोहरा जल्दी छंट जाता रहा है लेकिन आज दोपहर तक कोहरा जमा रहा। इस दौरान आसमान से कोहरा की बूंदें भी टपकती रहीं। साथ ही बर्फीली हवाओं ने ठिठुरन बढ़ा दी। अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे आसमान पर जमी कोहरे की परत को चीरकर सूर्य कुछ देर के लिए चमका लेकिन लोगों को ठंड से कोई राहत नहीं मिल सकी। कई जगह लोग ठंड से राहत पाने के लिए आग जलाकर बैठे रहे। राजकीय कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ विज्ञानी डा. शैलेंद्र सिंह ढाका के अनुसार रविवार को अधिकतम तापमान 16.6 तथा न्यूनतम 4.9 डिग्री सेंटीग्रेड रिकार्ड किया गया। उन्होंने बताया कि अगले दो दिन तक शीतलहर इसी तरह जारी रहने की संभावना है। डा. ढाका के मुताबिक रात में पाला भी खूब पड़ रहा है। हालांकि पाला से गन्ना और गेहूं की फसलों को कोई नुकसान नहीं है। अलबत्ता आलू, मटर, टमाटर, गोभी समेत अन्य सब्जियों की फसलों के लिए काफी नुकसानदेह है। उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने सब्जियों की फसलें कर रखी हैं, उन्हें पाला के प्रभाव से बचाने के लिए सायं के समय खेत की हल्की सिचाई कर देना चाहिए। अगर खेत में पानी ज्यादा हो जाए तो सुबह उसे निकाल देना चाहिए। ऐसा करने से सब्जियों की फसलों पर पाला का ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा।