छात्राओं ने कहानी सुनकर समझा पर्यावरण का महत्व

जासंपीलीभीत संस्कारशाला के अंतर्गत दैनिक जागरण में प्रकाशित कहानी बहुत बड़ा का राजकीय बालिका इंटर कालेज में प्रधानाचार्य अनीता रानी ने छात्राओं के समक्ष वाचन किया। इस कहानी के माध्यम छात्राओं ने पर्यावरण संरक्षण का महत्व समझा। उन्हें इस बात की प्रेरणा मिली कि अपने आसपास हरियाली को बढ़ाना चाहिए क्योंकि पेड़-पौधों से ही मानव को प्राणवायु मिलती है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 11:58 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 11:58 PM (IST)
छात्राओं ने कहानी सुनकर समझा पर्यावरण का महत्व
छात्राओं ने कहानी सुनकर समझा पर्यावरण का महत्व

जासं,पीलीभीत : संस्कारशाला के अंतर्गत दैनिक जागरण में प्रकाशित कहानी बहुत बड़ा का राजकीय बालिका इंटर कालेज में प्रधानाचार्य अनीता रानी ने छात्राओं के समक्ष वाचन किया। इस कहानी के माध्यम छात्राओं ने पर्यावरण संरक्षण का महत्व समझा। उन्हें इस बात की प्रेरणा मिली कि अपने आसपास हरियाली को बढ़ाना चाहिए , क्योंकि पेड़-पौधों से ही मानव को प्राणवायु मिलती है।

गुरुवार को कालेज प्रांगण में एकत्र हुईं छात्राओं ने पूरी एकाग्रता से संस्कारशाला की कहानी सुनी। प्रधानाचार्य ने छात्राओं को बताया कि सिर्फ पौधे लगाना ही काफी नहीं होता है बल्कि नियमित रूप से उनकी देखभाल भी करनी चाहिए। तभी पौधे वृक्ष रूप में विकसित होकर हमें आक्सीजन प्रदान करेंगे। प्रधानाचार्य ने छात्राओं से पूछा कि पौधों को पानी देने का कार्य करेगा। इस पर लगभग सभी छात्राओं ने हामी भरते हुए कहा कि वे बोतलों में पानी लाकर अपने कालेज के पौधों की सिचाई करेंगी। साथ ही अपने घरों तथा आसपास के स्थान पर भी हरियाली बढ़ाने के उपाय करेंगी। इस कहानी से सभी को पर्यावरण के महत्व का पता चलता है। पर्यावरण की रक्षा करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य होता है। सभी को हरियाली बढ़ाने के प्रयास करने चाहिए।

पूजा वर्मा कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान आक्सीजन की कितनी कमी पैदा हो गई थी। पेड़-पौधे हमें मुफ्त में आक्सीजन प्रदान करते हैं। इनका संरक्षण करेंगे।

मुस्कान कहानी मनोरंजक होने के साथ ही शिक्षाप्रद भी है। आज पर्यावरण संरक्षण की सबसे ज्यादा जरूरत है। पुराने पेड़ कट जाते हैं लेकिन उस अनुपात में पौधे नहीं लगते।

दिशा लोधी पौधे लगाकर भूल नहीं जाना चाहिए। पौधों को लगातार पानी देना, उनकी देखभाल करना अपनी दिनचर्या में शामिल कर लेना चाहिए। तभी हम पर्यावरण को संरक्षित कर पाएंगे।

सना पर्यावरण की सुरक्षा करना वास्तव में बहुत बड़ा काम है। सबको मिलकर इस कार्य को आगे बढ़ाना चाहिए। तभी प्रदूषण में कमी लाई जा सकती है।

प्रज्ञा जागरण संस्कारशाला की यह कहानी सभी लिए प्रेरित करने वाली है। पर्यावरण की रक्षा करना, हरियाली को बढ़ावा देना आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। छात्राओं को इससे काफी प्रेरणा मिली है।

अनीता रानी, प्रधानाचार्य हमारे आसपास का वातावरण प्रदूषण रहित होना चाहिए। ऐसा तभी संभव होगा, जब पर्यावरण की सुरक्षा की जाएगा। हरियाली को बढ़ाया जाए, प्रदूषण बढ़ाने वाली चीजों का कम से कम इस्तेमाल हो।

शिखा जोशी, शिक्षिका जागरण संस्कारशाला की यह कहानी हम सबको पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रेरित करती है। वास्तव में ऐसा होना भी चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति इस मामले में अपनी जिम्मेदारी समझे।

पूजा गंगवार हमारा जिला पर्यावरण की ²ष्टि से काफी हरा भरा है। यहां और हरियाली बढ़ाने के लिए हम सभी लोगों को अपने अपने स्तर से प्रयास करने चाहिए।

प्रिया गुप्ता वृक्षों के अवैध कटान पर सख्ती से रोक लगाई जानी चाहिए। हर साल पौधारोपण का अभियान चलाया जाता है। लगाए गए सभी पौधे चल सकें, इसका भी प्रयास हो।

प्रसून अगर हम पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति उदासीन रहे तो आने वाली पीढि़यों के साथ यह बहुत अन्याय होगा। पीढि़यों को अच्छा प्रदूषण मुक्त वातावरण मिले, इसके प्रयास करने होंगे।

कामिनी राना

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