डेंगू से तप रहे शहर और गांव , 19 नए मरीज मिले

पीलीभीतजेएनएन तराई के जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। यह बीमारी जानलेवा साबित हो रही है। डेंगू के 19 नए मरीज मिले हैं। वर्ष 2019 के अक्टूबर में जनपद डेंगू से तड़पता दिखा था। सरकारी आंकड़ों ने केसों के साथ ही मौतों को छिपाने का भरसक प्रयास किया था। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2019 में डेंगू के 81 केस पाए गए थे। हालांकि वास्तविकता काफी अलग थी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 10:33 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 10:33 PM (IST)
डेंगू से तप रहे शहर और गांव , 19 नए मरीज मिले
डेंगू से तप रहे शहर और गांव , 19 नए मरीज मिले

पीलीभीत,जेएनएन: तराई के जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। यह बीमारी जानलेवा साबित हो रही है। डेंगू के 19 नए मरीज मिले हैं। वर्ष 2019 के अक्टूबर में जनपद डेंगू से तड़पता दिखा था। सरकारी आंकड़ों ने केसों के साथ ही मौतों को छिपाने का भरसक प्रयास किया था। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2019 में डेंगू के 81 केस पाए गए थे। हालांकि वास्तविकता काफी अलग थी।

वर्ष 2019 में डेंगू से सैकड़ों परिवार प्रभावित हुए थे व डेंगू की चपेट में आकर 50 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। शहर के काला मंदिर, मुहल्ला बेनी चौधरी, मुहल्ला फारुख, फीलखाना, काशीराम कालोनी समेत कई पाश कालोनियों के बाशिदे डेंगू की चपेट में आए थे। तहसील व गांव-देहात में भी हर तरफ बुखार फैला था।

दिसंबर 2019 में जैसे-तैसे डेंगू का असर कम हुआ तो कोरोना ने सिर उठाना शुरू कर दिया था। दूसरी लहर के दौरान एलटू कोविड अस्पताल की बदहाली किसी से छिपी नहीं है। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई। शासन से आए वेंटिलेटर शोपीस बने खड़े रहे।

दो वर्ष में कोरोना की दो लहरों की मार झेल चुके जनपद को एक बार फिर डेंगू के डंक ने जकड़ना शुरू कर दिया है। माह भर में डेंगू के केसों का रिकार्ड टूट चुका है। जनपद में इस बार अब तक के सर्वाधिक 87 केस दर्ज किए जा चुके हैं। शहर से लेकर बरखेड़ा, न्यूरिया समेत कई क्षेत्रों में डेंगू के केस सामने आ रहे हैं। एलाइजा टेस्ट की नहीं हुई व्यवस्था: डेंगू संदिग्ध मरीजों की कंफर्म रिपोर्ट के लिए एलाइजा टेस्ट कराया जाता है। इसके लिए संदिग्धों के सैंपल लखनऊ के किग जार्ज मेडिकल कालेज भेजे जा रहे हैं। सैंपल प्रतिदिन न जाकर तीन से चार दिन के अंतराल पर एकत्र कर भेजे जाते हैं। वर्ष 2019 में जब डेंगू के केस ज्यादा आए तो जनपद में एलाइजा मशीन मंगाकर टेस्ट कराने की चर्चा हुई थी। शासन को प्रस्ताव भेजा जाना था। सीएमओ ने न ही वर्ष 2019 में इसकी गंभीरता समझी और न ही अब एलाइजा को लेकर गंभीर हैं। शनिवार रात आई रिपोर्ट में 13 अक्टूबर को लिए गए सैंपल की रिपोर्ट आई है जोकि पाजिटिव निकले हैं। ऐसे में सैंपल की रिपोर्ट आने में दस दिन तक लग रहे हैं। इतने अधिक समय में कई मरीजों की हालत काफी बिगड़ जाती है। साथ ही उस क्षेत्र में डेंगू का प्रकोप बढ़ता चला जाता है। कई बार रैपिड किट से निगेटिव आने वाले मरीजों के डेंगू एलाइजा टेस्ट में एनएस वन या आइजीजी, आईजीएम सक्रिय आ जाता है। ऐसे में एलाइजा मशीन का डेंगू जांच में काफी महत्व है। इनसेट--

बेटे की शादी की तैयारियों के लिए अवकाश पर

सीएमओ की छुट्टी से जनपद में स्वास्थ्य विभाग के कामकाज प्रभावित हो रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान दो बार लंबी छुट्टी पर गईं सीएमओ पिछले दो माह में दूसरी बार लंबी छुट्टी पर गई हैं। सीएमओ दो अक्टूबर से अवकाश पर हैं जोकि 31 अक्टूबर तक बताया जा रहा है। चर्चा है कि वह बेटे की शादी की तैयारियों में व्यस्त हैं, इसी कारण मेडिकल अवकाश लेकर घर गई हैं। सीएमओ का प्रभार संभाल रहे एसीएमओ के पास पूर्ण अधिकार न होने के कारण विभागीय कामकाज रुके पड़े हैं। डेंगू प्रभावित क्षेत्रों तक नहीं पहुंच रही टीमें

डेंगू का प्रकोप बढ़ते ही स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमराती दिख रही हैं। डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य व मलेरिया विभाग की टीमें नहीं पहुंच पा रही हैं। इसका बड़ा कारण वाहन की अनुपलब्धता बताया जा रहा है। सीएमओ के छुट्टी पर रहने के कारण वाहनों को ईंधन के लिए पर्ची नहीं मिल पा रही जिस कारण सीमित संख्या में ही वाहन का संचालन हो रहा है। ऐसे में केवल दो वाहनों से टीमें सैनिटाइजेशन, छिड़काव व टेस्टिग का काम कर रही हैं। मंडल में पीलीभीत ही फिसड्डी

मंडल के अन्य तीनों जनपदों में एलाइजा टेस्ट हो रहा है। बदायूं, बरेली व शाहजहांपुर में एलाइजा की सुविधा होने के कारण तीनों जनपदों के मरीजों को जल्द रिपोर्ट मिल जाती है। विभागीय अधिकारियों के रुचि न दिखाने के कारण पीलीभीत दूसरे जनपदों में निर्भर है। दूसरे जनपद सैंपल की जांच में टालमटोली भी करते हैं। बदायूं सीएमएस डा. विजय बहादुर राम ने ब्लड बैंक की एलाइजा मशीन का इस्तेमाल कर टेस्ट कराना शुरू किया है। पीलीभीत ब्लड बैंक में भी एलाइजा मशीन उपलब्ध है,लेकिन किसी अधिकारी ने अभी तक इच्छाशक्ति नहीं दिखाई।

वर्जन--

सीएमओ डा. सीमा अग्रवाल मेडिकल अवकाश पर गई हैं, उनके स्थान पर एसीएमओ को कार्यभार दिया गया है। स्वास्थ्य सुविधाओं में ढिलाई ठीक नहीं है। डेंगू के प्रकोप पर नजर रखी जा रही है। सीएमओ से वार्ता कर आवश्यक दिशानिर्देश दिए जाएंगे। क्षेत्र में जाने के लिए सीएचसी पर एमओआइसी के वाहन समेत कुल तीन वाहन उपलब्ध रहते हैं, उनका प्रयोग किया जाना चाहिए। एलाइजा मशीन के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जाना चाहिए। यह सीएमओ का कार्य है।

- डा. एसके गर्ग, अपर निदेशक स्वास्थ्य बरेली मंडल, बरेली

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