यमुना एक्सप्रेस वे : जीरो प्वाइंट से आगरा तक वाहनों की रफ्तार पर रहेगी निगाह

यमुना एक्सप्रेस वे के जीरो प्वाइंट पर पहुंचते ही वाहन रफ्तार की निगरानी की जद में होगा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Aug 2019 07:29 PM (IST) Updated:Wed, 21 Aug 2019 06:27 AM (IST)
यमुना एक्सप्रेस वे : जीरो प्वाइंट से आगरा तक वाहनों की रफ्तार पर रहेगी निगाह
यमुना एक्सप्रेस वे : जीरो प्वाइंट से आगरा तक वाहनों की रफ्तार पर रहेगी निगाह

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : यमुना एक्सप्रेस वे के जीरो प्वाइंट पर पहुंचते ही वाहन रफ्तार की निगरानी की जद में होगी। तेज रफ्तार पर अंकुश लगाने के लिए प्राधिकरण जीरो प्वाइंट व आगरा में 165 किमी प्वाइंट पर टाइम बूथ स्थापित करने जा रहा है। दोनों स्थानों पर रंबल स्ट्रिप लगाने का काम शुरू हो गया है। इसके साथ ही दुर्घटना संभावित क्षेत्र की चेतावनी के बोर्ड भी लगाए जाएंगे।

यमुना एक्सप्रेस वे के जीरो प्वाइंट पर रविवार सुबह तेज रफ्तार फोर्ड एंडेवर कार एक्सप्रेस वे से तीस फीट नीचे आ गिरी थी। हादसे में चार लोगों की मौत हो गई थी। जबकि पांच गंभीर रूप से घायल हुए थे। जिस जगह पर हादसा हुआ, वहां तीव्र घुमाव है। इसलिए हादसा होने की आशंका काफी अधिक होती है।

इससे सबक लेते हुए यमुना प्राधिकरण के सीईओ डा. अरुणवीर सिंह ने जीरो प्वाइंट व आगरा में 165 किमी प्वाइंट पर रंबल स्ट्रिप लगाने के निर्देश दिए थे। इसका काम भी मंगलवार को शुरू हो गया। रंबल स्ट्रिप के ऊपर से वाहनों के गुजरते समय हल्के झटके महसूस होंगे। अगर चालक नींद में होगा तो वह जाग जाएगा। रंबल स्ट्रिप पर गुजरते समय झटकों का असर कम करने के लिए चालक वाहन की रफ्तार को कम करेगा। इसके साथ ही एक्सप्रेस वे के दोनों प्वाइंट पर दुर्घटना संभावित क्षेत्र के चेतावनी देते बोर्ड लगाए जाएंगे। ताकि वाहन चालक जागरूक हों।

जीरो प्वाइंट से लेकर आगरा तक वाहनों की रफ्तार पर निगरानी होगी। जीरो प्वाइंट व 165 किमी प्वाइंट पर टाइम बूथ बनेंगे। एक्सप्रेस वे पर सेंसर लगेंगे। जैसे ही वाहन वहां से गुजरेंगे तो उनका समय दर्ज हो जाएगा। निकासी प्वाइंट पर भी समय दर्ज होगा। 165 किमी लंबे एक्सप्रेस वे की दूरी तय करने में लगे समय के आधार पर वाहन की गति की गणना होगी। वाहन की रफ्तार अगर सौ किमी प्रति घंटा की दर से अधिक होगी तो चालान होगा। टाइम बूथ को पंद्रह दिनों में स्थापित कर दिया जाएगा। अभी तक स्पीड कैमरा व स्पीड गन से जांचते हैं रफ्तार : एक्सप्रेस वे पर वाहन की रफ्तार जांचने के लिए स्पीड कैमरे लगे हैं, लेकिन वाहन चालकों को इन कैमरों की जगह का पता चल चुका है। इसलिए वाहन जब कैमरे की जद में आते हैं तो चालक रफ्तार को कम कर देते हैं। कैमरे की जद से बाहर होते ही वाहन फर्राटा भरने लगते हैं। चालकों की इस चतुराई को मात देने के लिए स्पीड गन का प्रयोग किया जा रहा है। लेकिन जेवर टोल से पहले व आगरा टोल के बाद आमतौर पर वाहनों की रफ्तार पर कोई निगरानी नहीं होती है। इसलिए इन जगहों पर वाहनों की रफ्तार काफी अधिक होती है और हादसे होते हैं। आइआइटी ने भी वाहनों की रफ्तार पर प्रभावी नियंत्रण के लिए दो टोल के बीच लगने वाले समय के आधार पर चालान व्यवस्था लागू करने का सुझाव दिया था। एक्टिव सिटीजन टीम ने की हादसे रोकने के लिए उपाय करने की मांग : एक्टिव सिटीजन टीम के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को यमुना प्राधिकरण के सीईओ डा. अरुणवीर सिंह को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने एक्सप्रेस वे पर हादसे रोकने के लिए उचित कदम उठाने की मांग की। प्रतिनिधिमंडल में आलोक सिंह, हरेंद्र भाटी, अंजू पुंडीर, सुनील कुमार, रमेश चंदानी, पंकज सिंह, साधना सिंहा आदि शामिल थीं। एक्सप्रेस वे के दोनों सिरों पर रंबल स्ट्रिप का काम शुरू हो गया है। टाइम बूथ जल्द बना दिए जाएंगे। गति सीमा का उल्लंघन करने वाले वालों पर जीरो प्वाइंट से लेकर आगरा तक निगरानी कर कार्रवाई की जाएगी।

डा. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण

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