विश्व स्ट्रोक दिवस:::खराब जीवनशैली से लकवाग्रस्त हो रहे युवा
देश में हर चार में से एक युवा लकवाग्रस्त हो रहा है।
आशीष धामा, नोएडा : युवावस्था ही जीवन की वह अवस्था है, जब मेहनत के बूते बेहतर जिदगी के लिए संघर्ष किया जा सकता है। मौजूदा दौर में उम्र के इस पड़ाव में खराब जीवनशैली से युवा डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर व मोटापे से लकवा (स्ट्रोक) के शिकार हो रहे हैं। व्यायाम का अभाव, धूमपान व अत्यधिक शराब का सेवन एक बड़ा कारण है। हालात यह है कि देश में हर चार में से एक युवा लकवाग्रस्त हो रहा है।
बकौल सेक्टर-11 स्थित मेट्रो अस्पताल एवं हृदय संस्थान की निदेशक और न्यूरोलॉजी विभाग की वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉ.सोनिया लाल गुप्ता, लकवा होने पर मस्तिष्क में प्रति सेकेंड लाखों न्यूरान मरते हैं। इससे याददाश्त कम, भाषा समझने की समस्या, हड्डियां कमजोर पड़ना और कंधे में दर्द की समस्या होती है। ऐसे समय में अस्पताल पहुंचना जरूरी हो जाता है। व्यक्ति में इसकी शुरुआत निगलने की दिक्कत जैसी छोटी बात से शुरू हो सकती है। लकवा मृत्यु एवं दिव्यांगता का प्रमुख कारण है। लकवे से स्वस्थ होने की संभावना 90 फीसद है, लेकिन अच्छे खानपान, नियमित व्यायाम और मादक पदार्थों के परहेज से इससे बचा जा सकता है। अंग्रेजी शब्द 'फास्ट' से समझे जाते हैं लक्षण लकवे के लक्षणों को अंग्रेजी के शब्द 'फास्ट' से समझा जाता है। एफ का मतलब फेस या मुंह का टेढ़ा होना, ए का मतलब हाथ या आर्म एवं बाजू में कमजोरी महसूस होना, एस का मतलब स्पीच या आवाज का लड़खड़ाना या साफ न बोल पाना और टी का मतलब टाइम या समय पर अस्पताल पहुंचना। इन लक्षणों के होने पर मरीज को चार घंटे के अंदर अस्पताल पहुंचा दिया जाता है, तो उसके बिल्कुल सामान्य होने की संभावना 90 फीसद होती है। लकवे के प्रमुख लक्षण
- अचानक याददाश्त कमजोर होना
- बोलने में दिक्कत
- हाथ-पांव में कमजोरी
- आंखों से कम दिखना
- व्यवहार में परिवर्तन
- चेहरे का टेढ़ा होना लकवे से बचाव के तरीके
- रक्तचाप के स्तर की निगरानी
- हर दिन 30 मिनट शारीरिक गतिविधि
- धूमपान व शराब के सेवन से परहेज
- ब्लड शुगर नियंत्रित रखे, योग व ध्यान लगाएं