विश्व हृदय दिवस : अव्यवस्थित दिनचर्या व तनाव से बढ़ रहा हृदय रोग

आशीष धामा नोएडा अव्यवस्थित दिनचर्या व तनाव के कारण लोग तेजी से हृदय रोग के शिकार हो

By JagranEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 09:40 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 09:40 PM (IST)
विश्व हृदय दिवस : अव्यवस्थित दिनचर्या व तनाव से बढ़ रहा हृदय रोग
विश्व हृदय दिवस : अव्यवस्थित दिनचर्या व तनाव से बढ़ रहा हृदय रोग

आशीष धामा, नोएडा :

अव्यवस्थित दिनचर्या व तनाव के कारण लोग तेजी से हृदय रोग के शिकार हो रहे हैं। कुछ समय पहले तक जहां 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोग हृदय रोग के शिकार होते थे वहीं अब धूमपान व शराब के सेवन से व्यस्क के मुकाबले 25 से 30 वर्ष के युवा तेजी से इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। खास बात यह है कि यदि 45 वर्ष की उम्र से कम के किसी व्यक्ति को हृदय रोग होता है तो बीमारी के आनुवांशिक होने की संभावना बढ़ जाती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में इस समय 54.5 मिलियन लोग हृदय रोग से ग्रसित है।

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हृदय की भूमिका

मानव शरीर में हृदय एक महत्वपूर्ण अंग है, जो विभिन्न अंगों के लिए रक्त पंप करता है। इस रक्त में ऑक्सीजन और न्यूट्रिएंट्स होते हैं। लेकिन जब हृदय के सामान्य कार्य प्रभावित हो जाते हैं, तो हृदय रोग उत्पन्न होने शुरू हो जाते हैं।

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हृदय रोग बढ़ने का कारण

खराब खानपान के चलते हृदय तक रक्त पहुंचाने वाली नसों में चिकनाई जमा होने लगती है, इन कारण रक्त का संचार रुक जाता है और सीने में दर्द समेत कई परेशानियां होने लगती हैं। ऐसे में हृदय के जिस हिस्से को खून नहीं मिल पाता है वह हिस्सा मर जाता है। उम्र के साथ-साथ नसें पतली हो जाती हैं। ऐसा इसलिए होता है कि लोग अपनी बीमारियां छुपाते हैं। शुगर व ब्लड प्रेशर के रोगी हृदय रोग के शिकार अधिक होते हैं।

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हृदय रोगों से बचाव

- नियमित व्यायाम करें

- बेहतर खानपान लें

- धूमपान व शराब का सेवन न करें

- 40 वर्ष की उम्र होने के बाद नियमित चेकअप कराएं

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कोट--

कम उम्र में धूमपान व शराब का सेवन हृदय रोग का कारण बन रहा है। जिला अस्पताल में हर दिन 40-50 हृदय रोगी जांच के लिए पहुंचते हैं। इनमें व्यस्क मरीजों की संख्या कम और युवा अधिक रहते हैं। दिनचर्या में बदलाव से ही हृदय की बीमारियों से बचा जा सकता है।

- डॉ. वीबी ढाका, सीएमएस जिला अस्पताल

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महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में हृदय रोग ज्यादा है। इसका कारण तनाव, खराब खानपान और लाइफ स्टाइल है। कुछ लोग हाइपरटेंशन व डायबिटीज की बीमारी से ग्रसित होने के बाद भी स्वास्थ्य का ख्याल नहीं रखते। तबीयत बिगड़ने पर ही अस्पताल जाते हैं। यदि हाइपरटेंशन व डायबिटीज है तो हृदय रोग के बढ़ने का खतरा अधिक रहता है। ऐसे में समय पर यदि बीमारी का इलाज हो जाए तभी बेहतर होगा।

- डॉ. वैभव मिश्रा, एचओडी, सीटीवीएस, फोर्टिस अस्पताल के

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