तेजी से बढ़ रहा युवाओं में डायबिटिक रेटिनोपैथी का खतरा

अंकुर त्रिपाठी नोएडा मधुमेह यानी डायबिटीज विश्व में सबसे बड़ी समस्या के रूप में उभरी ह

By JagranEdited By: Publish:Sun, 14 Nov 2021 12:33 AM (IST) Updated:Sun, 14 Nov 2021 12:33 AM (IST)
तेजी से बढ़ रहा युवाओं में डायबिटिक रेटिनोपैथी का खतरा
तेजी से बढ़ रहा युवाओं में डायबिटिक रेटिनोपैथी का खतरा

अंकुर त्रिपाठी, नोएडा :

मधुमेह यानी डायबिटीज विश्व में सबसे बड़ी समस्या के रूप में उभरी है। ज्यादातर युवा मधुमेह से ग्रसित हैं। हर चार व्यक्तियों में एक व्यक्ति इस बीमारी से पीड़ित है। ऐसे मरीजों में डायबिटिक रेटिनोपैथी का खतरा भी बढ़ रहा है। आंकड़ों पर नजर डालें तो भारत में वर्ष 2000 में तीन करोड़ लोग इस बीमारी से पीड़ित थे, जो अब आठ करोड़ हो चुका है। इस तरह 2030 तक 43.90 लाख लोग बीमारी से पीड़ित हो जाएंगे।

हर साल मधुमेह को लेकर जागरूकता के लिए 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाता है। आइडीएफ (इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन) प्रतिवर्ष विश्व मधुमेह दिवस के लिए एक थीम चुनता है, वर्ष 2021-23 की थीम 'डायबिटीज केयर तक पहुंच' है। तिरुपति आइ सेंटर की सीनियर आइ सर्जन डा. मोहिता शर्मा ने बताया कि ग्रामीण आबादी में शहरी आबादी की तुलना में मधुमेह के रोगी कम हैं क्योंकि वहां खान-पान का अंतर आ जाता है। इस बीमारी को रोकने के लिए न केवल जागरूकता बल्कि दिनचर्या में बदलाव भी जरूरी है। उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्र में लगभग 20 फीसद लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं, वहीं ग्रामीण क्षेत्र में लगभग 10 फीसद लोग मधुमेह से पीड़ित हैं।

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इसलिए होता है डायबिटिक रेटिनोपैथी

ब्लड में शुगर लेवल अधिक बढ़ने से रेटिना में रक्त वाहिकाओं को नुकसान होता है, जिसके कारण डायबिटिक रेटिनोपैथी बीमारी होती है। इस बीमारी से रेटिना के ऊतकों में सूजन आ जाती है, जिससे धुंधला दिखाई देने लगता है। जिन लोगों को काफी समय से मधुमेह की समस्या होती है, उनमें डायबिटिक रेटिनोपैथी होने की आशंका अधिक होती है।

------------- इन्हें हो सकता है डायबिटिक रेटिनोपैथी :

- ब्लड प्रेशर से पीड़ित

- नशीले पदार्थ का सेवन करनेवाले

-जिसकी किडनी खराब है

-डायबिटीज से पीडि़त गर्भवती

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डायबिटिक रेटिनोपैथी के लक्षण :

-आंखों से धुंधला दिखाई देना

-आंखों के सामने अंधेरा छाना

-रंगों को समझने में कठिनाई होना

ऐसे करें बचाव :

-मधुमेह का पता लगते ही ब्लड शुगर और कोलेस्ट्राल की मात्रा को बढ़ने न दें।

-डाक्टर जो दवाएं दे, उन्हें समय पर लेते रहें। मधुमेह होने पर आंखों की जांच कराएं, ताकि पता चल सके कि मधुमेह के कारण आंखों पर कोई नकारात्मक असर तो नहीं हो रहा है।

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