यूपी नहीं रहा बीमारू राज्य, तीन लाख करोड़ का निर्यात सरकार ने रखा लक्ष्य

जागरण संवाददाता नोएडा अब उत्तर प्रदेश बीमारू राज्य नहीं है। यह राज्य केंद्र में सरकार

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 11:03 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 11:03 PM (IST)
यूपी नहीं रहा बीमारू राज्य, तीन लाख करोड़ का निर्यात सरकार ने रखा लक्ष्य
यूपी नहीं रहा बीमारू राज्य, तीन लाख करोड़ का निर्यात सरकार ने रखा लक्ष्य

जागरण संवाददाता, नोएडा :

अब उत्तर प्रदेश बीमारू राज्य नहीं है। यह राज्य केंद्र में सरकार बनाने से लेकर उनकी नीति निर्धारण में भी अपना सहयोग देने लगा है। वर्ष 2018 में प्रदेश सरकार ने ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) योजना लागू की। इसकी सराहना केंद्र सरकार की और अन्य राज्यों में इस योजना पर काम शुरू कराया। वर्ष 2019 में राज्य में ग्लोबल सप्लाई चेन को मजबूत करने के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम इकाइयों (एमएसएमई) को मजबूत करने का काम शुरू हुआ, जिसे केंद्र सरकार ने वर्ष 2020 में आत्मनिर्भर भारत करने के लिए वोकल फार लोकल नाम दिया। यह बात उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं माध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कही। वह सेक्टर-62 स्थित पार्क एसेंट होटल में जिला उद्योग केंद्र एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग की ओर से एक्सपोर्ट कन्क्लेव में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुए। इस दौरान साथ विशिष्ठ अतिथि के रूप में गौतमबुद्ध नगर सांसद डा. महेश शर्मा, जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह भी रहे। उन्होंने निर्यातकों को संबांधित करते हुए कहा कि वर्ष 2017 में जब सरकार ने सत्ता संभाली तब प्रदेश में 80 हजार करोड़ रुपये का निर्यात था। प्रदेश सरकार को निर्यात सेक्टर 4.5 फीसद ड्राप मिला, लेकिन अब एक लाख 21 हजार करोड़ का निर्यात प्रदेश से हो रहा है।

कोरोना काल में 2020-2021 में निर्यात में 5.52 फीसद का जंप भी देखने को मिला है। सरकार ने वर्ष 2026-27 तक तीन लाख करोड़ निर्यात को पूरा करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि एक समय जब इज आफ डूइंग बिजनेस में प्रदेश पांचवें छठे नंबर पर था, लेकिन देश की जीडीपी में 14 नंबर पर प्रदेश की भागीदारी थी, लेकिन आज देश की जीडीपी में दूसरे नंबर तक प्रदेश भागीदारी निभाने लगा है। सरकार की मंशा है कि प्रदेश देश की जीडीपी में पहले नंबर की भागीदारी निभाए। इसलिए निर्यातकों को हर संभव मदद की जा रही है। उनके लिए तमाम योजनाओं को शामिल किया है। सब्सिडी दी जा रही है। अब देश के किसी भी पोर्ट या हवाई मार्ग से तैयार उत्पाद निर्यात करें, सरकार उस पर सब्सिडी देगी। यूके, जर्मनी दुबई, रूस, तजाकिस्तान समेत दुनिया के किसी भी देश में उत्पाद की प्रदर्शनी के लिए जाने वालों को सरकार सब्सिडी देने का निर्णय लिया है। यहीं केंद्र सरकार के एमएसएमई मंत्री पीयूष गोयल के साथ विचार-विमर्श कर 31 देशों के ट्रेड एग्रीमेंट खत्म करवा कर नए सिरे से एग्रीमेंट कराने का कार्य जारी है, जिससे चीन, बांग्लादेश के उत्पादों को प्रतिस्पर्धा दी जा सके, क्योंकि पुराने ट्रेड एग्रीमेंट के कारण देश में तैयार उत्पाद की दोनों देशों से 10-12 फीसद अधिक है। इस मौके पर नोएडा एपैरल एक्सपोर्ट कलस्टर के चेयरमैन ललित ठुकराल, इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव बंसल, हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट एसोसिएशन अध्यक्ष सीपी शर्मा, डीजीएफटी डीजीएम नितीश सूरी, जिला उद्योग केंद्र एवं निर्यात प्रोत्साहन उपायुक्त अनिल कुमार समेत अन्य मौजूद रहे।

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उद्यमी सरकार के एटीएम नहीं

पिछली सरकार सोचती थी कि उद्यमी एटीएम हैं, लेकिन हमारी सरकार की यह सोच नहीं है। आप हमारे साथी हैं। सरकार आप को सहयोग करने के लिए हर संभव सहयोग दे रही है। जल्द ही निर्यातकों के लिए निर्यात सारथी एप लांच किया जाएगा, जिससे निर्यातक अपनी दिक्कतों को इसके माध्यम से सरकार तक पहुंचा सकते है।

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एक्सप्रेस-वे किनारे 50 फीसद जगह एमएसएमई के लिए आरक्षित

प्रदेश में जितने भी एक्सप्रेस-वे के निर्माण चल रहा है। सभी एक्सप्रेस-वे के किनारे करीब 50 फीसद जगह पर एमएसएमई सेक्टर के लिए आरक्षित की गई है। हाल ही में यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे सेल्युलर व इलेक्ट्रानिक्स से संबंधित पा‌र्ट्स बनाने के लिए 200 एकड़ जमीन आवंटित कराई गई है। आगरा में पीपीपी माडल पर टेक्सटाइल पार्क बनाने की अनुमति दी गई है।

आइएसबीटी से जेवर तक मेट्रो विस्तार की योजना

सिंह ने बताया कि जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को लेकर पहली बैठक एनसीआर प्लानिग बोर्ड में मेरे द्वारा ही अटेंड की गई थी। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए एनसीआर प्लानिग बोर्ड में मैंने वकालत की। अब आइएसबीटी से जेवर तक मेट्रो विस्तार के लिए एनसीआर प्लानिग बोर्ड में मंथन चल रहा है। जल्द ही यह योजना परवान चढेंगी, क्योंकि पहले ग्रेटर नोएडा एनसीआर प्लानिग बोर्ड के मास्टर प्लान 2031 की सूची में शामिल नहीं था, क्योंकि आबादी दस लाख नहीं थी। अब शामिल हो चुका है।

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