इस पल में सिमट आया है जिदगी का सफर
आशीष धामा नोएडा इतनी शिद्दत से मैंने तुम्हें पाने की कोशिश की है हर जर्रे ने मुझे त
आशीष धामा, नोएडा :
इतनी शिद्दत से मैंने तुम्हें पाने की कोशिश की है, हर जर्रे ने मुझे तुमसे मिलाने की साजिश की है.. गले में रजत पदक लिए सोने सी मुस्कान बिखेरते जिलाधिकारी सुहास एलवाई अपनी जीत के हर पल का लुत्फ उठा रहे थे। सोमवार को जिले में पहुंचने के बाद उन्होंने गौतमबुद्ध नगर से टोक्यो तक पहुंचने के सफर की दास्तां सुनाई और जीता हुआ पदक देश, देश के प्रत्येक युवा और प्रत्येक नागरिक को समर्पित किया।
डीएम सुहास एलवाई ने कहा कि जो प्यार, सम्मान और आशीर्वाद देशवासियों ने दिया है, मैं जिदगीभर इसका शुक्रगुजार रहूंगा। हर इंसान का सपना होता है कि वह अपने देश का नाम दुनिया में रोशन करे। इसके लिए वह न जाने कितनी रातें, कितनी नींद कुर्बान करता है। इस जीत से इतना मालूम हो गया है कि यदि आप दिल से चाहें तो कोई भी लड़ाई जीत सकते हैं। एक प्रशासनिक अफसर के नाते जितना प्यार और सम्मान लोगों से मिला है, उतनी ही जिम्मेदारियां ज्यादा बढ़ गई हैं। प्रधानमंत्री से मिला प्रोत्साहन व उनके प्रेरणादायक शब्द मैच के दौरान हर वक्त जुबां पर रहे। जीत का अनुभव कुछ ऐसा है, मैं चाहकर भी बयां नहीं कर पा रहा हूं। जिदगी में कभी सोचा नहीं था कि पैरालिपिक में पदक हासिल कर पाउंगा। इच्छा स्वर्ण पदक की थी, लेकिन रजत पदक मिलना भी मेरे लिए गर्व की बात है। इस पल में जिदगी का सफर सिमट आया है, मैं हर पल को जीना चाहता हूं।
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आइपीएस बन देश के लिए जीतना है मेडल : पिता की जीत से खुश सुहास एलवाई की बेटी समवी का कहना है कि पिता की जीत से बहुत उत्साहित हूं, बहुत अच्छा लग रहा है। बहुत दिन बाद पापा को देखा है। आज ऐसा लग ही नहीं रहा है कि घर है, ऐसा लग रहा है कि कोई ग्रांड जगह है। आज घर वाली फीलिग नहीं आ रही है। पापा का मैच देखा था, काफी रोमांचित करने वाला था। पापा आइएएस हैं, मैं आइपीएस बनकर देश की सेवा करना चाहतीं हूं और देश के लिए मेडल जीतना चाहती हूं।