सीवर के पानी को शोधित कर फैला रहीं हरियाली

जागरण संवाददाता नोएडा सेक्टर-137 के पार्को व सड़क किनारे बनी ग्रीन बेल्ट में लगे पेड़-पौधों की हरियाली को बरकरार रखने में अब पानी की समस्या आड़े नहीं आती है। यहां भूजल के बजाय पाइपलाइन के जरिये सोसायटियों से निकलने वाले सीवर के साफ किए गए पानी की आपूर्ति हो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 07:24 PM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 07:24 PM (IST)
सीवर के पानी को शोधित कर फैला रहीं हरियाली
सीवर के पानी को शोधित कर फैला रहीं हरियाली

जागरण संवाददाता, नोएडा : सेक्टर-137 के पार्को व सड़क किनारे बनी ग्रीन बेल्ट में लगे पेड़-पौधों की हरियाली को बरकरार रखने में अब पानी की समस्या आड़े नहीं आती है। यहां भूजल के बजाय पाइपलाइन के जरिये सोसायटियों से निकलने वाले सीवर के साफ किए गए पानी की आपूर्ति हो रही है। ऐसे में जो पार्क पानी की कमी से वीरान हो गए थे, उनमें लगे पेड़-पौधे अब हरियाली से सराबोर हैं। यह संभव हुआ है सेक्टर की महिलाओं के प्रयास से। प्रकृति के प्रति दीवानगी और हरियाली को जुनून बना बैठीं आठ बहुमंजिला सोसायटियों की महिलाएं मिलकर सेक्टर को हरा-भरा करने में जुटी हैं। आपसी प्रेम और एकजुटता के बल पर विभिन्न सोसायटियों से निकलने वाले एसटीपी के पानी से सेक्टर की ग्रीन बेल्ट व पार्को में लगे पौधों की सिचाई करते हैं। यही वजह है कि सेक्टर-137 शहर का पहला ऐसा सेक्टर बन गया है, जहां सभी सोसायटियों के एसटीपी से निकलने वाले पानी से 100 फीसद सिचाई हो रही हैं। नालियों में बहता था एसटीपी का पानी

सेक्टर-137 स्थित पैरामाउंट फ्लोराविला सोसायटी निवासी इना अरोड़ा ने बताया कि पहले आठ बहुमंजिला सोसायटियों से निकलने वाला पानी नालियों में बहाया जा रहा था। पार्को व ग्रीन बेल्ट में हरियाली बढ़ाने के लिए पेयजल का इस्तेमाल होता था। गंगाजल की सप्लाई बाधित होने पर पार्को में पानी की आवश्यकता पूरी नहीं हो पाती थी। इससे हरियाली नष्ट होने लगती थी, साथ ही काफी पानी बर्बाद होता था। ऐसे में सीवर का शोधित पानी ग्रीन बेल्ट तक पहुंचाने का निर्णय लिया। पाइप के जरिये जगह-जगह पानी निकालने के लिए कनेक्शन दिए। इसी पानी से सेक्टर में पार्को की सिचाई हो रही है। शोधित पानी की उपलब्धता के बाद हरियाली लौट गई है। बता दें कि जल के महत्व को समझते हुए इन महिलाओं ने सेंट्रल पार्क में कृत्रिम तालाब का निर्माण किया है। इसमें कमल और वाटर लिली के पौधे लगाए गए हैं। इसे बनाने का उद्देश्य जलस्तर गिरने से रोकना और पार्क का सुंदरीकरण करना है।

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