टावर ध्वस्तीकरण की लेटलतीफी बिल्डर को पड़ सकती है भारी
कुंदन तिवारी नोएडा सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के दोनों टावर के ध्वस्तीकरण को लेकर बिल्
कुंदन तिवारी, नोएडा :
सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के दोनों टावर के ध्वस्तीकरण को लेकर बिल्डर की लेटलतीफी भारी पड़ सकती है। समय पर ध्वस्तीकरण नहीं होने पर कोर्ट की अवमानना को लेकर नोएडा प्राधिकरण ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। यदि मामला अवमानना तक जाता है तो नोएडा प्राधिकरण इस बार बहुत ही मजबूती के साथ अपना पक्ष रखेगा। इसके लिए आदेश के बाद अब तक कितनी बार बिल्डर को ध्वस्तीकरण कार्ययोजना को प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया है, कितनी कंपनियों ने कितनी बार प्रस्तुतीकरण दिया है, बिल्डर की ओर से किस तरह की तत्परता दिखाई गई है आदि का पूरा लेखा जोखा एक रिपोर्ट के माध्यम से तैयार किया जा रहा है।
बता दें कि 31 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक सेक्टर-93 ए स्थित एमराल्ड कोर्ट परियोजना के दोनों टावर एपेक्स सियान को बिल्डर को खुद ध्वस्त करने का आदेश दिया है। इस ध्वस्तीकरण के तकनीकी गाइडेंस केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआइ) को लेने और नोएडा प्राधिकरण की निगरानी में ध्वस्तीकरण कराने का आदेश जारी किया है, जिसमें आने वाले खर्च भी बिल्डर को ही वहन करना है। अबतक सुपरटेक प्रबंधन ध्वस्तीकरण के लिए छह कंपनियों का प्रस्तुतीकरण करवा चुका है, लेकिन अब तक कोई भी प्रक्रिया और तकनीक नहीं दिखा सकी है। दो माह बीतने वाले हैं। बिल्डर को नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी की ओर से अंतिम चेतावनी भी जारी की गई है, जिसमें स्पष्ट कहा गया है की बिल्डर कंपनियों की कार्ययोजना खुद ही तैयार कराए, उसका प्रस्तुतीकरण अपने पास ले। उसके बाद एक रिपोर्ट तैयार कर प्राधिकरण में प्रस्तुत करे। इसके बाद इस रिपोर्ट का सीबीआरआइ के नेतृत्व में गठित तकनीकी टीम विस्तार से अध्ययन करे। उसके बाद ही उनका फैसला ध्वस्तीकरण के लिए जारी हो।